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स्पा सेंटरों पर प्रशासन की सख्ती! नए नियमों के तहत अब नहीं लगेंगी कुंडियां, फटाफट जाने नई गाइडलाइन वरना होगी कार्यवाही

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राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्पा और मसाज सेंटरों के संचालन को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। जयपुर पुलिस ने इन सेंटरों में अवैध गतिविधियों और अनैतिक कार्यों पर अंकुश लगाने के लिए 13 बिंदुओं की सख्त गाइडलाइन जारी की है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर डॉ. रामेश्वर सिंह ने बताया कि सभी स्पा सेंटर संचालकों को इन नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। इस गाइडलाइन ने न सिर्फ स्पा इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है बल्कि सोशल मीडिया पर भी यह खबर वायरल हो रही है। एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है, "जयपुर में स्पा सेंटरों के लिए नई गाइडलाइन! अब पुरुष और महिला सेक्शन होंगे अलग-अलग, बंद दरवाजे पर रोक।" क्या हैं ये नए नियम और क्यों लागू किए गए? आइए विस्तार से जानते हैं।

नई गाइडलाइन के मुताबिक स्पा और मसाज सेंटरों में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग सेक्शन होना अनिवार्य है। इन सेक्शनों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार होंगे, जो स्पष्ट रूप से चिह्नित होंगे और इनके बीच कोई इंटरकनेक्शन नहीं होगा। बंद दरवाजे के पीछे स्पा और मसाज सेवाएं नहीं दी जाएंगी। कमरों के दरवाजों पर कुंडी या बोल्ट नहीं लगाने दिए जाएंगे तथा कार्य अवधि (सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक) में बाहरी दरवाजे खुले रखने होंगे। इसके अलावा स्पा परिसर का आवासीय उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

सभी कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य रहेगा तथा फिजियोथेरेपी, एक्यूप्रेशर या व्यावसायिक चिकित्सा में डिग्री, डिप्लोमा या प्रमाण पत्र रखने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को ही नियुक्त किया जाएगा। सीसीटीवी बेहद जरूरी पुलिस ने यह भी निर्देश दिया है कि केंद्रों के प्रवेश द्वार, रिसेप्शन और कॉमन एरिया में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा, जिसकी रिकॉर्डिंग कम से कम तीन महीने तक रखनी होगी। पहचान के लिए ग्राहकों के पहचान पत्र और संपर्क विवरण के साथ एक रजिस्टर रखना होगा। इसके साथ ही केंद्रों को हिंदी और अंग्रेजी में डिस्प्ले बोर्ड लगाने होंगे, जिसमें परिसर का साइट प्लान, बेड की संख्या, कर्मचारियों का विवरण, हेल्पलाइन नंबर (112 और 181) और यह घोषणा शामिल होगी कि केंद्र केवल स्पा और मसाज के लिए है। किसी भी तरह की यौन गतिविधि पाए जाने पर अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

दिल्ली से प्रेरित है दिशा-निर्देश

यह दिशा-निर्देश 2021 में दिल्ली में लागू किए गए नियमों से प्रेरित है, जहां दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने स्पा सेंटरों में यौन शोषण और मानव तस्करी की शिकायतों के बाद सख्त नियम लागू किए थे। दिल्ली में क्रॉस-जेंडर मसाज पूरी तरह से प्रतिबंधित है और जयपुर में भी इस तरह की गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जा रही है। जयपुर पुलिस का कहना है कि शहर में बढ़ते स्पा सेंटरों में अवैध गतिविधियों की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद यह कदम उठाया गया। स्थानीय स्पा संचालकों ने इस दिशा-निर्देश पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ संचालकों का कहना है कि इन नियमों से वैध कारोबार को नुकसान पहुंच सकता है। दिल्ली में भी 2021 में स्पा एसोसिएशन ने इसी तरह के नियमों को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जहां उन्होंने कहा था कि इससे कर्मचारियों के रोजगार पर असर पड़ेगा। हालांकि, जयपुर पुलिस ने स्पष्ट किया कि इन नियमों का उद्देश्य ग्राहकों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और अवैध गतिविधियों को रोकना है।

ऐसी रही प्रतिक्रिया

एक्स पर इस खबर पर लोगों की प्रतिक्रियाएं तीखी रही हैं। एक यूजर ने लिखा, "स्पा सेंटरों पर सख्ती जरूरी थी लेकिन वैध कारोबार को भी सुविधाएं मिलनी चाहिए।" दूसरे यूजर ने कमेंट किया, "पुलिस का यह कदम स्वागत योग्य है लेकिन क्या इसे सही तरीके से लागू किया जाएगा?" जयपुर पुलिस ने चेतावनी दी है कि दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें लाइसेंस रद्द करना और अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम के तहत मुकदमा चलाना शामिल है। यह दिशा-निर्देश जयपुर ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में स्पा उद्योग के लिए नया मोड़ ला सकते हैं। इन नियमों के लागू होने के बाद यह देखना बाकी है कि क्या ये अवैध गतिविधियों को पूरी तरह से रोक पाते हैं या वैध कारोबार को भी प्रभावित करते हैं।

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