राजस्थान में गर्मी तेजी से बढ़ रही है और कुछ जिलों का तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया है। चिलचिलाती धूप पानी को तेजी से वाष्पित कर रही है। इसलिए बांधों और तालाबों का जलस्तर तेजी से गिर रहा है। प्रदेश के बांधों में 15 दिन में 140.8 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी कम हो चुका है। मौजूदा स्थिति यह है कि जोधपुर अंचल के जलस्रोतों में महज 16 फीसदी और उदयपुर अंचल में 26 फीसदी पानी बचा है। यदि जलस्तर इसी तरह गिरता रहा और मानसून आने में देरी हुई तो जल संकट से इनकार नहीं किया जा सकता। उदयपुर के बांध और तालाब भी छलकने लगे हैं, जबकि गर्मी से पहले ऊपरी बांधों से पानी फतेहसागर और पिछोला तक लाया जाता था। अन्य किसी जलस्रोत पर यह व्यवस्था नहीं है। स्थिति यह है कि छह माह में ही बांधों का आधे से ज्यादा पानी खाली हो चुका है। राज्य के कुल 691 बांधों में से 335 खाली हो चुके हैं, 349 आधे खाली हैं, जबकि सिर्फ 7 बांध ही भरे हैं।
स्थिति भी जानें
राज्य के 22 बड़े बांधों में सिर्फ 55.10 प्रतिशत पानी
राज्य के 261 मध्यम बांधों में से सिर्फ 22.71 प्रतिशत ही भरे हैं
408 छोटे बांधों और तालाबों में 11.73 प्रतिशत पानी बचा है
सभी बांधों और तालाबों में 42.36 प्रतिशत पानी बचा है
6 महीने पहले बांधों और तालाबों में 87.16 प्रतिशत पानी था
अप्रैल में राज्य में 43.45 प्रतिशत पानी था
पानी खत्म होने से पहले मानसून आ जाना चाहिए
बीते सालों में मानसून की बारिश के अलावा भी पानी उपलब्ध रहा है, जिससे जलस्रोत कम खाली हुए हैं। हालांकि, गर्मी तेज होने पर वाष्पीकरण भी बढ़ जाता है। रबी की फसल में सिंचाई का समय भी पूरा हो चुका है। अब जो पानी बचेगा, वह पीने के पानी के अलावा वाष्पीकरण में चला जाएगा। इस पानी के खत्म होने से पहले मानसून आ जाना चाहिए, ताकि बांध फिर से भर जाए।
राज्य के बाहर हमारे बांधों की स्थिति
- पंजाब के भाखड़ा बांध में 35.62 प्रतिशत पानी है, जबकि पिछले मानसून में भरने से पहले इसमें 50.20 प्रतिशत पानी था।
- पंजाब के पोंग बांध में 23.26 प्रतिशत पानी है, जबकि पिछले मानसून में भरने से पहले इसमें 32.95 प्रतिशत पानी था।
- पंजाब के रणजीत सागर बांध में 44.27 प्रतिशत पानी है, जबकि पिछले मानसून में भरने से पहले इसमें 50.06 प्रतिशत पानी था।
- मध्य प्रदेश के गांधी सागर बांध में 63.03 प्रतिशत पानी है, जबकि पिछले मानसून में भरने से पहले इसमें 58.37 प्रतिशत पानी था।
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