खरीफ सीजन में किसानों को समय पर गुणवत्तापूर्ण खाद व बीज उपलब्ध करवाने तथा खाद की कालाबाजारी व जमाखोरी पर प्रभावी रोक लगाने के लिए कृषि विभाग ने सघन गुणवत्ता नियंत्रण अभियान शुरू किया है। यह विशेष अभियान 15 मई से 10 जुलाई 2025 तक चलेगा।
कृषि आयुक्त सुरेश कुमार ओला ने बताया कि अभियान के तहत कृषि अधिकारियों की टीमें खाद, बीज व कीटनाशकों के निर्माताओं व विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण करेंगी। कहीं भी अनियमितता पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 व आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत बिक्री पर प्रतिबंध, जब्ती, लाइसेंस निलंबन या निरस्तीकरण जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ओला ने बताया कि जिलों में कार्यरत सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि नकली डीएपी या अन्य खाद के निर्माण या पैकिंग की सूचना मिलते ही तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने औद्योगिक क्षेत्रों, फार्म हाउस व ढाणियों जैसे संभावित स्थानों पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य किसानों को समय पर शुद्ध एवं प्रमाणित कृषि इनपुट उपलब्ध कराना है, ताकि वे खरीफ सीजन में बिना किसी बाधा के खेती कर सकें और पैदावार बढ़ा सकें।
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