हरियाणा के कैथल के कांगथली निवासी रामपाल कश्यप दिनभर सोशल मीडिया की सुर्खियों में रहे। 14 साल बाद आज रामपाल के पैरों में जूते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहब अंबेडकर की जयंती पर खुद उनके पैरों में जूते पहनाए। पेशे से एक साधारण मजदूर रामपाल ने असाधारण आस्था दिखाते हुए ऐसा व्रत लिया जो आज पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। अब हर कोई उनके और उनके व्रत के बारे में जानना चाहता है।
2012 में ली थी व्रत
दरअसल, रामपाल ने साल 2012 में व्रत लिया था कि जब तक नरेंद्र मोदी खुद भारत के प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और उन्हें पादुका (जूते) पहनने के लिए नहीं कहते, तब तक वे नंगे पैर ही रहेंगे। यह कोई साधारण फैसला नहीं था। उन्होंने कभी गर्मी की तपिश, सर्दी की ठंड और बारिश की कीचड़ में भी चप्पल तक नहीं पहनी। हालांकि नरेंद्र मोदी 2014 और 2019 दोनों बार प्रधानमंत्री बने, लेकिन रामपाल के मुताबिक संकल्प तभी पूरा होगा जब मोदी खुद उन्हें जूते पहनने के लिए कहेंगे। रामपाल ने कहा, "मैंने 2012 में प्रण लिया था कि जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बन जाते, मैं जूते-चप्पल नहीं पहनूंगा। लोग मुझे इसके लिए पागल कहते थे, लेकिन जब मैं पीएम मोदी से मिला तो ऐसा लगा जैसे मैंने भगवान के दर्शन कर लिए हों।"
पूर्व विधायक ने भेजा था पत्र
उन्हें फोन करके यमुनानगर बुलाया गया, जहां पीएम मोदी ने उन्हें जूते पहनाए। रामपाल एक साधारण मजदूर हैं। गुहला के पूर्व विधायक कुलवंत बाजीगर ने रामपाल की आस्था को गंभीरता से लेते हुए 10 अप्रैल को प्रधानमंत्री को पत्र भेजा। पत्र में रामपाल की तपस्या का जिक्र किया गया और उनसे खुद इस संकल्प को पूरा करने का अनुरोध किया गया।
रामपाल की 14 साल की तपस्या सफल
इस पत्र को पीएमओ ने संज्ञान में लिया और 14 अप्रैल को यमुनानगर में प्रधानमंत्री की रैली में रामपाल को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। हजारों लोगों की मौजूदगी में सुरक्षाकर्मियों की कतारों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद रामपाल कश्यप को फोन किया और उन्हें पादुका पहनाने के लिए कहा।
रामपाल की आंखों में उस समय भाव साफ दिखाई दे रहे थे। उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए भगवान के दर्शन से कम नहीं है। आज मेरी 14 साल की तपस्या सफल हुई है।" रामपाल की भाभी सुनीता देवी ने भावुक होते हुए कहा कि घर में सभी लोग इस बात को लेकर चिंतित थे कि वह जूते कब पहनेंगे, लेकिन आज ऐसा लग रहा है कि हमारे बड़े बेटे की आस्था ने चमत्कार कर दिया है।
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