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हज के बारे में पांच ख़ास बातें जो शायद आपको नहीं पता हैं

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image Getty Images इस्लामी मान्यता के अनुसार, काबा का निर्माण पैग़ंबर इब्राहिम और उनके बेटे इस्माइल ने किया था.

हज इस्लाम धर्म के लोगों के लिए सबसे पवित्र तीर्थयात्रा है, जिसके लिए हर साल लाखों की संख्या में मुस्लिम सऊदी अरब के मक्का शहर जाते हैं.

यह इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है और हर वो मुस्लिम जो शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हो, उससे उम्मीद की जाती है कि वो अपने जीवन में कम से कम एक बार हज ज़रूर करें.

हज दुनिया के सबसे बड़े सालाना धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें दुनिया भर से मुसलमान मक्का पहुंचते हैं.

मक्का इस्लाम के पैग़ंबर हज़रत मुहम्मद साहब का जन्मस्थान है और यहीं उन्हें मुसलमानों के धार्मिक ग्रंथ क़ुरान का पहला संदेश प्राप्त हुआ था.

यहां काबा भी है,जो घनाकार संरचना है और काले कपड़े से ढकी होती है. यह मक्का की मस्जिद अल-हरम के बीच में स्थित है, जिसे इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है.

हज के बारे में जानिए पांच बातें जो आप शायद नहीं जानते हों.

image Getty Images हज के दौरान मुसलमान काबा का चक्कर लगाते हैं. 1. काबा

हज का ज़िक्र इस्लाम के पैग़ंबर मुहम्मद साहब से जोड़कर किया जाता है लेकिन इससे जुड़ी कुछ चीज़ें पैग़ंबर इब्राहिम के समय से हैं.

इस्लामी मान्यता के अनुसार, काबा का निर्माण पैग़ंबर इब्राहिम और उनके बेटे इस्माइल ने किया था.

हज के दौरान की जाने वाली कई रस्में उस घटना की याद दिलाती हैं जब इब्राहिम ने अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे इस्माइल की लगभग क़ुर्बानी दे दी थी. लेकिन मान्यताओं के अनुसार, बाद में एक दिव्य हस्तक्षेप से उसे रोक दिया गया.

इब्राहिम, जिन्हें ईसाई धर्म और यहूदी धर्म में अब्राहम कहा जाता है. इन तीनों धर्मों में इब्राहिम या अब्राहम की केंद्रीय हैसियत है.

2. लैंगिक भेदभाव नहीं image DELIL SOULEIMAN/AFP via Getty Images

जहां अधिकांश मुस्लिम प्रथाओं में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार या प्रार्थना क्षेत्र होते हैं, हज के दौरान ऐसा कोई भेदभाव नहीं होता है.

पुरुष और महिलाएं साथ में हज की रस्मों को अदा करते हैं. यह समानता का प्रतीक है.

3. ख़ास ड्रेस कोड

हज करने वाले हाजियों के लिए एक विशेष ड्रेस कोड होता है जो आध्यात्मिक समानता को दिखाता है.

पुरुष सफ़ेद, बिना सिले हुए कपड़े पहनते हैं जिसे अहराम कहा जाता है. यह इस बात का प्रतीक है कि हज करने आए सभी लोग समान हैं, चाहे उनका सामाजिक या आर्थिक रुतबा कुछ भी हो.

महिलाएं सफ़ेद अहराम नहीं पहनतीं, लेकिन वे ढीले-ढाले, शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनती हैं. उन्हें सिर ढककर रखना होता है. लेकिन हज के दौरान उनका चेहरा दिखना चाहिए.

image Getty Images 4. पहाड़ी पर चढ़ना

हज का सबसे ख़ास हिस्सा है तवाफ़, जिसमें मुस्लिम काबा के चारों ओर सात बार एंटी-क्लॉक चक्कर लगाते हैं. यह हज यात्रा की शुरुआत और अंत में किया जाता है.

इसके अलावा हज का एक अन्य महत्वपूर्ण हिस्सा है सफ़ा और मरवा नाम की दो पहाड़ियों के बीच सात बार चलना.

यह रस्म बीबी हाजरा (पैग़ंबर इब्राहिम की पत्नी) की याद में अदा की जाती है. बीबी हाजरा ने अपने पुत्र इस्माइल के लिए पानी की तलाश में इन दो पहाड़ियों के सात चक्कर लगाए थे.

image Getty Images माउंट अराफ़ात. 5. माउंट अराफ़ात

काबा हज का सबसे प्रमुख केंद्र है, लेकिन आध्यात्मिक चरम बिंदु मक्का से बाहर एक रेगिस्तानी मैदान में स्थित अराफ़ात के पहाड़ को माना जाता है.

यहां श्रद्धालु सूर्योदय से सूर्यास्त तक प्रार्थना करते हैं और क़ुरान पढ़ते हैं.

इस स्थान का इस्लाम में विशेष महत्व है क्योंकि ये वही जगह मानी जाती है जहां पैग़ंबर मुहम्मद ने अपना आख़िरी ख़ुतबा (उपदेश) दिया था.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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