Next Story
Newszop

स्वस्थ जीवन के ये चार तरीके आपकी ज़िंदगी बदल देंगे

Send Push
Getty Images हर दिन कम से कम 15 मिनट सिर्फ अपने लिए निकालें.

सेहत को लेकर आजकल हर व्यक्ति फ़िक्रमंद नज़र आता है. शहर से गांव तक सेहत की चर्चा अब आम हो गई है.

डॉक्टरों का कहना है कि स्वस्थ जीवन के लिए जितनी कसरत ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी है खानपान और सही दिनचर्या.

आहार और कसरत से जुड़ी आदतों को बदलना कठिन हो सकता है लेकिन इससे घबराने की ज़रूरत नहीं है. आज यानी सात अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे है.

इस मौके पर आइए जानते हैं कि वो कौन से छोटे-मोटे बदलाव हैं जिनकी बदौलत हम स्वस्थ रह सकते हैं.

'द 4 पिलर प्लान' और 'द स्ट्रेस सॉल्यूशन' के लेखक, डॉक्टर रंगन चटर्जी कहते हैं कि स्वस्थ जीवन के चार स्तंभ हैं - भोजन, कसरत, नींद और आराम.

इन चारों में छोटे-छोटे बदलाव हमारे जीवन में सुधार ला सकते हैं.

image BBC

बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ करें

image BBC
1. भोजन करने के तरीके में करें ये बदलाव image Getty Images 12 घंटे कुछ नहीं खाना स्वास्थ्य के लिए एक बेहतर विकल्प है.

डॉ. रंगन चटर्जी आहार के लिए एक आसान विकल्प का सुझाव देते हैं.

वह कहते हैं कि अगर आपको अपने आहार में परिवर्तन या फिर इसे कम करना कठिन लगा रहा है तो फिर आप पूरे दिन का भोजन सिर्फ़ 12 घंटों के दौरान ही खा लें.

डॉ चटर्जी कहते हैं, "क्या आपको इस नियम का कड़ाई से पालन करने पर फ़ायदा होगा? मैं कहूंगा हाँ, कुछ लोगों को होगा. लेकिन मेरा कहना है कि अगर आप दिन में 12 घंटे ऐसा कर सकते हैं, तो इसे तय करें और फिर मेरी दूसरी सिफ़ारिशों पर ग़ौर करें."

वह कहते हैं, "यह एक बहुत ही सरल बदलाव है. इससे मैंने लोगों में प्रभावशाली बदलाव होते देखे हैं."

2. हफ़्ते में दो बार पांच मिनट की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग image Getty Images सप्ताह में केवल दो बार पांच मिनट की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग स्वास्थ्य के लिए बेहतर साबित हो सकती है.

व्यस्त जीवनशैली में जिम जाने या फिर दौड़ने के लिए समय निकलना अक्सर कठिन होता है.

डॉ. रंगन चटर्जी और उनकी टीम का कहना है कि सप्ताह में केवल दो बार पांच मिनट की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग असरदार साबित हो सकती है.

डॉ. रंगन कहते हैं, "स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को बहुत कम महत्व दिया जाता है. हम दौड़ लगाने और कार्डियों की बात करते हैं लेकिन मांसपेशियों को नज़रअंदाज कर देते हैं. उम्र बढ़ने के साथ हम कितने स्वस्थ रहेंगे यह मांसपेशियां ही तय करती हैं."

वह बताते हैं कि सेहतमंद रहने के लिए मांसपेशियां बहुत महत्वपूर्ण हैं.

डॉ चटर्जी के अनुसार 30 साल की उम्र के बाद, हर दस साल में मानव शरीर तीन से पांच फ़ीसदी तक मांसपेशियां खोने लगता है.

50 की उम्र के बाद यह दर और भी बढ़ जाती है.

3. कुछ ऐसा करें कि आपको बढ़िया नींद आए image Getty Images हर दिन 20 मिनट की रोशनी यानी धूप हमारी जिंदगी को तारोताज़ा बना सकती है.

अच्छी नींद एक ऐसी चीज़ है जिसे हम अक्सर अपने जीवन में नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन अच्छी नींद हमारे जीवन और स्वास्थ्य को बहुत बेहतर बना सकती है. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम पर्याप्त और अच्छी नींद लें.

डॉ. रंगन चटर्जी के पास बेहतर नींद के लिए कई सुझाव हैं, लेकिन एक बात जिस पर आपने शायद ध्यान नहीं दिया होगा वह यह है कि क्या आपको दिन में पर्याप्त धूप मिल रही है?

हमारे शरीर को दिन और रात में अलग-अलग रोशनी देखने की ज़रूरत होती है ताकि हमारी आंतरिक घड़ियाँ काम करती रहें. सर्दियों के महीनों में इस बारे में विशेष रूप से जागरूक रहना चाहिए.

डॉ. रंगन कहते हैं, "कई लोग अंधेरे में घर से निकलते हैं, अंधेरे में काम पर जाते हैं, पूरे दिन दफ़्तर के अंदर रहते हैं और फिर अंधेरे में ही घर लौट आते हैं."

वह कहते हैं कि अगर हर व्यक्ति कम से कम 20 मिनट धूप में बिताए, तो अगली सुबह वह पहले से अधिक तरोताज़ा महसूस करेगा.

4. अपने लिए समय निकालें image Getty Images खानपान में थोड़ा-सा बदलाव स्वास्थ्य पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है.

तनाव हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुका है और दुर्भाग्य से इसके लिए आंशिक रूप से तकनीक भी जिम्मेदार है.

डॉ. रंगन कहते हैं, "आप बिस्तर से अच्छी, शांतिपूर्ण, आरामदायक नींद से उठे हैं कि अचानक अलार्म घड़ी बजने लगती है. आप अपने फ़ोन को देखने लगते हैं और फिर ढेर सारी नीली रोशनी के साथ नोटिफिकेशन आने शुरू हो जाते हैं. कई लोगों के लिए यह पूरे दिन ही चलता रहता है और अक्सर रात को सोने से ठीक पहले तक यह जारी रहता है. ऐसे में हमें आराम करने का कोई समय नहीं मिल पाता है."

डॉ. रंगन सलाह देते हैं कि दिन में कम से कम 15 मिनट अपने लिए समय निकालें. आप अपने लिए कुछ ऐसा करें जिससे आप बेहतर महसूस करें. इस दौरान आप स्मार्टफ़ोन का इस्तेमाल बिल्कुल न करें.

वो कहते हैं कि ऐसा करने से आपका तनाव कम हो सकता है.

सात अप्रैल को क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड हेल्थ डे? image Getty Images इस बार वर्ल्ड हेल्थ डे 2025 की थीम माताओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा पर केंद्रित है.

हर साल दुनियाभर में सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस यानी वर्ल्ड हेल्थ डे के रूप में मनाया जाता है.

इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों और अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.

सात अप्रैल 1948 के दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना की गई थी. यही वजह है कि 1950 से इसी तारीख को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है.

संगठन हर साल अलग-अलग थीम पर यह दिवस मनाता है.

इस बार वर्ल्ड हेल्थ डे 2025 का थीम है - 'स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य'

यह माताओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा पर केंद्रित है.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां कर सकते हैं. आप हमें , , और पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

image
Loving Newspoint? Download the app now