आईसीसी महिला टी20 विश्व कप के अहम मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से 9 रन से हारने की वजह से भारत की सेमीफ़ाइनल में पहुँचने की उम्मीदें काफी धूमिल हो गई हैं. अब उसकी सारी उम्मीदें पाकिस्तान पर निर्भर हो गई हैं.
ऑस्ट्रेलिया ग्रुप में लगातार चौथी जीत के साथ सेमीफ़ाइनल में पहुंच गई. उसने एक बार फिर अपने प्रदर्शन से दिखाया कि मुश्किल स्थिति से कैसे निकला जाता है और उसका यही अंदाज़ उन्हें चैंपियन बनाता है.
ग्रुप ए के आखिरी मैच में पाकिस्तान के न्यूजीलैंड को हराने पर ही भारत की सेमीफ़ाइनल की उम्मीदें बन सकती हैं. इस स्थिति में भारत, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के चार-चार अंक हो जाएंगे और नेट रन रेट के आधार पर फैसला होगा.
इस स्थिति में न्यूजीलैंड भारत से नेट रन रेट में पीछे ही रहेगी और पाकिस्तान के लिए माइनस नेट रन रेट को पॉजिटिव में लाना खासा मुश्किल होगा. पर न्यूजीलैंड की जीत भारतीय अभियान पर विराम लगा देगी.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए करें BBCभारत ने जब 19वें ओवर में हरमनप्रीत के दो चौकों की मदद से 14 रन बना लिए तो वह जीत की तरफ बढ़ती नज़र आने लगी थीं.
भारत को आख़िरी ओवर में जीत के लिए 14 रन बनाने थे. सदरलैंड ने इस ओवर में चार विकेट निकालकर जीत की तरफ़ बढ़ रही भारतीय टीम को हार के लिए मजबूर कर दिया.
सदरलैंड ने दूसरी गेंद पर पूजा वस्त्रकर को बोल्ड किया. उन्होंने यॉर्क करने के लिए गेंद फेंकी और वह फुलटॉस हो गई और वह बोल्ड हो गईं.
अगली गेंद पर अरुंधति रेड्डी रन आउट हो गईं. इस ओवर की पांचवीं गेंद पर श्रेयांका पाटिल वाइड आउट हो गईं.
अंपायर ने गेंद वाइड दे दी. इस पर हरमनप्रीत दौड़कर रन लेना चाहती थीं. इस स्थिति में श्रेयांका का पैर बाहर होने पर विकेटकीपर ने विकेट गिरा दिए.
तीसरे अंपायर ने यह आउट दिया. अगली गेंद पर राधा यादव के एलबीडब्ल्यू हो जाने के साथ भारत की हार तय हो गई.
भारत के तीन विकेट 47 रनों पर गिर जाने के बाद हरमनप्रीत कौर ने दीप्ति शर्मा के साथ मोर्चा संभाला और 55 गेंदों में 63 रन की साझेदारी निभाकर भारत की संघर्ष में वापसी तो करा दी. पर इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज़ों ने कसी गेंदबाज़ी करके और उम्दा क्षेत्ररक्षण से रनों पर अंकुश लगाकर भारत पर रन गति का दबाव बना दिया.
इस दबाव में दीप्ति शर्मा के आउट होने के बाद भी हरमनप्रीत अकेले दम पर संघर्ष करती रहीं और उन्होंने कुछ अच्छे शॉट खेलकर बाज़ी को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया. पर दूसरे छोर से सहयोग नहीं मिल पाने से भारत पर दबाव बढ़ता चला गया और टीम इस दबाव में बिखर गई.
हरमनप्रीत लगातार दूसरे मैच में अर्धशतक जमाने में सफल रहीं. उन्होंने 18वें ओवर में गार्डनर पर दो चौकों से 12 रन और फिर 19वें ओवर में सोफी मोलिन्यू पर दो चौकों से 14 रन बनाकर अपना अर्धशतक पूरा करके जीत की उम्मीदों को बनाए रखा.
लेकिन आख़िरी ओवर में कमज़ोर प्रदर्शन ने जीत को हाथ से निकाल दिया. सही मायनों में भारत के यह विकेट गिरने की वजह खिलाड़ियों का खुद पर भरोसा नहीं होना था.
ऋचा घोष को आक्रामक अंदाज़ में खेलने वाली बल्लेबाज़ के तौर पर जाना जाता है. पर वह इस चैंपियनशिप में बल्ले से ज़रा भी रंगत में नहीं दिखी हैं.
दीप्ति शर्मा की एक महत्वपूर्ण साझेदारी बनाने के बाद पेवेलियन लौट जाने पर ऋचा घोष ने अगर विकेट पर टिकने का माद्दा दिखाया होता तो भारत यह मैच हारता नहीं पर वह बेवजह का रन लेने प्रयास में रन आउट होकर भारतीय मुश्किलों में और इज़ाफ़ा करके चली गईं.
ऋचा घोष ने बल्ले से तो निराश किया ही, साथ ही उनकी विकेटकीपिंग भी अच्छी नहीं रही. वह कई बार लेग की तरफ आती गेंदों को पकड़ने में सफल नहीं हो सकीं. असल में इसके लिए तेज़ फुटवर्क की ज़रूरत होती है पर वह ऐसा करती दिखी नहीं, इस कारण कुछ चौके निकल गए.
ओपनर शेफाली वर्मा ने तेज़ शुरुआत की पर संयम की कमी की वजह से वह उम्दा पारी नहीं खेल सकीं. इसी तरह जेमिमा भी जोश में होश की कमी का शिकार बनीं. दूसरी ओपनर मंधाना की असफलता ने भारत की मुश्किलों को बढ़ा दिया.
ऑस्ट्रेलिया ने एक समय 15 ओवरों में पांच विकेट पर 101 रन बनाए थे. इस वक्त ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया की पारी 135 रन के आसपास थम सकती है.
लेकिन एलिस पैरी ने 16वें ओवर में श्रेयांका पर एक छक्का और एक चौके से 14 रन बनाकर अपने इरादे जता दिए. एलिस पैरी टीम के 134 रन के स्कोर पर जिस समय आउट हुईं, तब तक वह अपना काम कर गई थीं.
एलिस पैरी ने 23 गेंदों में 139 से ज़्यादा की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी करके 32 रन बनाए, जिसमें दो चौके और एक छक्का शामिल था.
सही मायनों में ऑस्ट्रेलिया के बाद के बल्लेबाज़ों ने विकेट भले ही जल्दी खोए पर हर बल्लेबाज़ ने रन गति को तेज़ बनाए रखने का प्रयास किया और इसका ही परिणाम था कि वह आठ विकेट खोकर 151 रन तक पहुंचने में कामयाब हो गई.
रेणुका सिंह ने भारत को इस महत्वपूर्ण मुकाबले में अच्छी शुरुआत दिलाई.
उन्होंने अपने दूसरे ओवर की लगातार दो गेंदों पर ओपनर बेथ मूनी और जॉर्जिया वारेहम के विकेट निकालकर ऑस्ट्रेलिया पर दवाब बना दिया.
पहले तीन ओवर में 17 रन स्कोर पहुंचते ऑस्ट्रेलिया के दो विकेट निकल गए.
रेणुका इनस्विंग करके ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को लगातार परेशान कर रही थीं.
उन्होंने पहले दो ओवरों में 15 रन देकर दो विकेट निकाले. उनका मैच में गेंदबाज़ी का विश्लेषण 2-0-24-2 रहा.
रेणुका सहित भारतीय गेंदबाज़ों की कसी हुई गेंदबाज़ी का ही कमाल था कि ऑस्ट्रेलिया पॉवरप्ले के छह ओवरों में दो विकेट खोकर 37 रन बना सकीं. पर फिर भी वह 150 के पार निकल गए.
ओपनर ग्रेस हैरिस और इस मैच में कप्तानी कर रहीं ताहिला मैकग्रा ने संभलकर शुरुआत करने के साथ ढीली गेंदों को सज़ा देने की रणनीति को अपनाकर टीम को धीरे-धीरे दबाव से निकाला.
यह जोड़ी तीसरे विकेट की साझेदारी में 62 रन जोड़कर किसी हद तक अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में सफल हो गई.
हैरिस और ताहिला जब ख़तरनाक बनती नज़र आ रही थीं, तब 12वें ओवर में राधा यादव को गेंदबाज़ी के लिए लाना कारगर साबित हुआ.
उनके पहले ही ओवर में दोनों बल्लेबाज़ों को एक-एक जीवदान मिलने के बाद भी राधा इस साझेदारी को तोड़ने में सफल हो गईं.
ग्रेस हैरिस का कैच हरमनप्रीत कौर द्वारा छोड़े जाने के बाद ताहिला मैकग्रा का कैच छूटा.
पर इस ओवर की पांचवीं गेंद पर वह ताहिला मैकग्रा को स्पिन से गच्चा देकर स्टंप कराने में सफल हो गईं. ताहिला मैकग्रा ने 26 गेंदों में 32 रन की पारी खेली.
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