Next Story
Newszop

दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला, रेस्टोरेंट्स को सर्विस चार्ज लेने से रोकने का आ गया नया नियम

Send Push
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट का हालिया फैसला कहता है कि रेस्टोरेंट्स को सर्विस चार्ज ज़बरदस्ती नहीं लेना चाहिए. इसका मतलब यह है कि अगर ग्राहक चाहें, तो वे सर्विस चार्ज देने के बजाय टिप दे सकते हैं. लेकिन दिल्ली-एनसीआर के कई रेस्टोरेंट्स, खासकर खान मार्केट, कनॉट प्लेस, और ग्रेटर कैलाश, अब भी बिल में 5-10% तक सर्विस चार्ज जोड़ रहे हैं. ये रेस्टोरेंट्स दावा करते हैं कि यह चार्ज वैकल्पिक है और अगर ग्राहक कहे तो इसे हटा सकते हैं, लेकिन यह पहले से ही बिल में जोड़ा जाता है, जिससे ग्राहक को इसे हटाने का ध्यान रखना पड़ता है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि सर्विस चार्ज को ग्राहक की सहमति से लिया जाना चाहिए और इसे पहले से बिल में जोड़ना गलत है. कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि ग्राहक खुश होकर टिप देना चाहें तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह उनकी इच्छा पर निर्भर होना चाहिए. इसके बाद, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कुछ रेस्टोरेंट्स को नोटिस भेजा, क्योंकि उन्होंने वसूला गया सर्विस चार्ज वापस करने से मना कर दिया था.नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन (NRAI) ने कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है और कहा कि सर्विस चार्ज हटाने से रेस्टोरेंट्स को नुकसान हो सकता है, क्योंकि इससे उनके स्टाफ की आय पर असर पड़ेगा. वहीं, वकीलों का कहना है कि रेस्टोरेंट्स को बिल में सर्विस चार्ज जोड़ने से बचना चाहिए और ग्राहकों को अपनी इच्छा से यह चार्ज भरने का विकल्प देना चाहिए.यदि रेस्टोरेंट्स ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया, तो उन पर जुर्माना या कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
Loving Newspoint? Download the app now