कम बुद्धि वाले बच्चों के लिए चूना एक प्रभावी उपाय है। जिन बच्चों की सोचने की क्षमता धीमी होती है, उन्हें चूना देने से सुधार हो सकता है। इसके अलावा, महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं के लिए भी चूना लाभकारी है। पचास वर्ष से अधिक उम्र की माताओं के लिए, जिनका मासिक धर्म बंद हो गया है, चूना एक उत्तम उपचार है। इसे दाल, लस्सी या पानी में मिलाकर रोजाना लेना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के लिए चूना
गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं को रोजाना चूना खाना चाहिए क्योंकि यह कैल्शियम का एक बड़ा स्रोत है। गर्भवती महिलाओं को अनार के रस में चूना मिलाकर देना चाहिए। यह न केवल सामान्य डिलीवरी में मदद करता है, बल्कि बच्चे को भी स्वस्थ और बुद्धिमान बनाता है। चूना खाने से बच्चे की बीमारियों का खतरा कम होता है और उनका IQ भी बेहतर होता है।
चूना और स्वास्थ्य संबंधी सावधानियाँ
**पथरी के रोगियों के लिए चूना वर्जित है**
भारत में चूना खाने वाले लोग आमतौर पर बुद्धिमान होते हैं, लेकिन तंबाकू से बचना चाहिए। चूना अमृत के समान है, जबकि तंबाकू हानिकारक है। पान में चूना लगाकर खाने से लाभ होता है, लेकिन कत्था, सुपारी और तंबाकू से दूर रहना चाहिए। घुटने के दर्द में भी चूना फायदेमंद है। राजीव भाई का कहना है कि चूना केवल खाने के लिए है, न कि लगाने के लिए। यह 70 बीमारियों का इलाज कर सकता है।
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