क्रिकेट की दुनिया में कई दिलचस्प प्रेम कहानियाँ देखने को मिली हैं, जिनमें से एक अजीत अगरकर की है। उन्होंने उस समय धर्म की सीमाओं को पार किया जब इंटरकास्ट विवाह पर विवाद होता था। अगरकर अपने दोस्त की बहन के प्रति आकर्षित हो गए।
अजीत अगरकर ने 1998 में भारतीय क्रिकेट टीम में कदम रखा। उसी वर्ष उनकी मुलाकात फातिमा से हुई, और पहली नजर में ही उनका दिल फातिमा पर आ गया। हालांकि, इस रिश्ते को विवाह में बदलना आसान नहीं था। फातिमा अक्सर अगरकर के दोस्त के साथ मैच देखने जाती थीं।
फातिमा एक प्राइवेट फर्म में मैनेजमेंट कंसल्टेंट के रूप में कार्यरत थीं। जैसे-जैसे अगरकर का करियर उभर रहा था, फातिमा का भी उनके प्रति लगाव बढ़ता गया। लेकिन दोनों परिवारों ने इस रिश्ते के लिए सहमति नहीं दी। अंततः, 2002 में उन्होंने बिना किसी परवाह के शादी कर ली, जिससे धर्म की दीवारें टूट गईं।
अजीत अगरकर ने अपने करियर में कई उपलब्धियाँ हासिल की हैं। वह 2007 के टी20 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थे और उन्होंने 221 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 349 विकेट लिए। वर्तमान में, वह बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता के रूप में कार्यरत हैं।
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