झज्जर, हरियाणा में एक शादी समारोह के दौरान अचानक पुलिस की टीम पहुंच गई। जब बरात आ चुकी थी और फेरों की तैयारी चल रही थी, तब पुलिस की उपस्थिति ने सभी को चौंका दिया। दरअसल, जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी की टीम ने दुल्हन की उम्र की जांच की और पाया कि वह नाबालिग है, जिससे यह बाल विवाह का मामला बन गया।
गांव छारा में इस कार्रवाई के दौरान एक 16 वर्षीय लड़की को वधू बनने से बचाया गया, जबकि दूल्हे की उम्र 25 वर्ष थी। इस प्रकार, दूल्हा और दुल्हन के बीच 9 साल का अंतर था।
बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर को सूचना मिली थी कि गांव छारा में एक नाबालिग लड़की की शादी की जा रही है। बरात बहादुरगढ़ से आ रही थी। इसके बाद परिवार और लड़की को महिला थाना झज्जर में बुलाया गया। वहां सहायक धर्मेंद्र और एमडीडी ऑफ इंडिया संस्था के कर्मजीत, कोमल देवी, संदीप जांगड़ा भी मौजूद थे।
टीम ने लड़की के परिवार से उसके जन्म प्रमाण पत्र मांगे, जिसे दिखाने में परिजनों को समय लगा। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि दुल्हन की उम्र केवल 16 वर्ष है। इस पर धर्मेंद्र और एमडीडी ऑफ इंडिया की टीम ने परिवार को समझाया कि उनकी लड़की नाबालिग है, इसलिए उन्हें उसकी बालिग होने तक शादी टालने की सलाह दी गई। यदि वे नाबालिग लड़की की शादी करते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। परिवार ने इस पर सहमति जताई और शादी को स्थगित कर दिया। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि वे लड़की की बालिग होने पर शादी करेंगे।