सिघांड़ा एक तिकोना आकार का मौसमी फल है, जो तालाबों में बेल पर उगता है। यह फल पानी में बढ़ता है और इसमें कई पोषण तत्व होते हैं। सिघांड़े का सेवन विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जैसे कि इसका आटा पीसकर लपसी बनाना, आचार बनाना या सीधे खाना। इसके पोषण तत्व व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। इसमें विटामिन A, B और C की भरपूर मात्रा पाई जाती है, साथ ही यह खनिज लवण और कार्बोहाइड्रेट से भी समृद्ध है। इसके अलावा, सिघांड़े में कई आयुर्वेदिक गुण भी मौजूद हैं।
सिघांड़े के पोषण तत्व
सिघांड़े में कई महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं, जैसे एमिलोज, प्रोटीन, फैट, फास्फोराइलेज, थायमाइन, विटामिन A, C और मैग्नीज, टैनिन और सिट्रिड एसिड।
आयुर्वेदिक गुण
पीलिया जैसी बीमारियों में सिघांड़ा कच्चा या उसका जूस पीने से शरीर से जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं, जिससे पीलिया के रोगियों को काफी लाभ होता है।
सिघांड़ा खाने से आंखों की रोशनी में सुधार होता है, क्योंकि इसमें विटामिन A होता है।
जो लोग खरोंध जैसी समस्याओं से ग्रस्त हैं, उन्हें अधिक सिघांड़ा खाना चाहिए, क्योंकि इसमें रक्त स्तंभक गुण होते हैं।
इसके सेवन से शरीर की कमजोरी दूर होती है। यदि कोई व्यक्ति दुबला है और कमजोरी महसूस कर रहा है, तो उसे रोजाना सिघांड़ा खाना चाहिए, जिससे उसकी कमजोरी दूर हो जाएगी और शरीर में नई ऊर्जा आएगी।
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