गोंडा. उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के इटियाथोक विकास खंड में स्थित 'रामनाथ आरोग्य धाम' एक ऐसा स्थान है, जहां लोग दूर-दूर से आयुर्वेदिक उपचार के लिए आते हैं। यहां के वैद्य, वेद प्रकाश पांडेय, बताते हैं कि इस धाम में जुखाम, बुखार, त्वचा रोग और हृदय संबंधी समस्याओं का इलाज किया जाता है।
गोंडा के अलावा, श्रावस्ती, बलरामपुर, बहराइच, बस्ती, सिद्धार्थनगर और अयोध्या से भी मरीज यहां इलाज कराने आते हैं। वैद्य वेद प्रकाश का कहना है कि सर्दियों में जुखाम, बुखार, और हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं, इसलिए सावधानी बरतना आवश्यक है।
वे अंग्रेजी दवाओं के साइड इफेक्ट्स के बारे में बताते हैं कि कोई भी डॉक्टर जानबूझकर नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता, लेकिन कभी-कभी ये दवाएं शरीर के लिए अनुकूल नहीं होतीं। ऐसे में आयुर्वेद शरीर के तंत्र को संतुलित करता है। वैद्य के अनुसार, हमारे आरोग्य धाम में मरीजों को ऐसा इलाज दिया जाता है कि वे यह नहीं कह पाते कि दवा का असर देर से हुआ। पहले लोग मानते थे कि आयुर्वेदिक दवाएं महंगी और धीरे असर करने वाली होती हैं, लेकिन अब यह धारणा बदल रही है।
जटिल बीमारियों का उपचार
वैद्य वेद प्रकाश के अनुसार, जटिल बीमारियों के ठीक होने में अधिक समय लगता है, जो तीन से छह महीने तक हो सकता है। कभी-कभी उपचार डेढ़ साल तक भी चल सकता है। वहीं, कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जिनका इलाज 21 से 40 दिन में शुरू हो जाता है।
मरीजों की राय
'रामनाथ आरोग्य धाम' में इलाज कराने आई राजेंद्र देवी, जो श्रावस्ती के भिनगा की निवासी हैं, बताती हैं कि उन्हें हृदय की गंभीर समस्या थी। कई जगह इलाज कराने के बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी। तब एक व्यक्ति ने उन्हें इस आरोग्य धाम के बारे में बताया। तब से वे यहां अपना इलाज करवा रही हैं और अब उन्हें काफी राहत मिली है।
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