बिहार के दरभंगा जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। मब्बी थाना क्षेत्र के सिमरा नेहालपुर गांव में जिस नाबालिग की हत्या का मामला चर्चा में था, वह बच्चा अब जीवित लौट आया है। यह वही मामला है जिसमें एक युवक को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और थानेदार को निलंबित किया गया था।
अंतिम संस्कार भी किया गया था
जानकारी के अनुसार, भोला राम नामक इस नाबालिग के लापता होने की रिपोर्ट उसके परिवार ने पहले ही दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसके बाद अल्लपट्टी रेलवे गुमटी के पास एक क्षत-विक्षत शव मिला, जिसमें केवल हाथ और पैर ही बरामद हुए। शव की स्थिति इतनी खराब थी कि पहचान करना मुश्किल था, लेकिन परिजनों पर दबाव डालकर शव की पहचान भोला के रूप में कराई गई और उसका अंतिम संस्कार भी किया गया। सरकार ने मुआवजे के तौर पर 4.25 लाख रुपये भी दिए।
सड़क पर उतरे हजारों लोग
इस ‘हत्या’ के खिलाफ आजमनगर में हजारों लोगों ने सड़क जाम कर दिया और पुलिस पर पथराव किया। भीड़ के उग्र प्रदर्शन के बाद तत्कालीन थाना प्रभारी दीपक कुमार को निलंबित किया गया और राहुल कुमार नामक युवक को हत्या के आरोप में जेल भेजा गया।
भोला राम का जिंदा मिलना
अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है। मृत घोषित भोला राम जिंदा मिल गया है और उसने अदालत में बताया कि उसका अपहरण किया गया था और नेपाल के मिर्चैया इलाके में एक कमरे में कैद रखा गया था। उसके भाई को व्हाट्सएप कॉल के जरिए इस बात की जानकारी मिली, जिसके बाद वह नेपाल जाकर भोला को लेकर लौटा।
प्रशासनिक तंत्र पर उठे सवाल
अब यह सवाल उठता है कि वह शव किसका था? राहुल कुमार को झूठे आरोप में जेल भेजने का जिम्मेदार कौन है? और जो मुआवजा सरकार ने दिया था, उसका क्या होगा? यह मामला पूरे प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
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