रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। संस्कृति जागरण महोत्सव में बोलते हुए उन्होंने कहा कि एक रक्षा मंत्री के रूप में उनकी जिम्मेदारी है कि वे अपने सैनिकों के साथ मिलकर देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, उन्हें यह भी सुनिश्चित करना है कि जो लोग देश पर आंख उठाते हैं, उन्हें उचित जवाब दिया जाए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली और दृढ़ता की सराहना की, यह कहते हुए कि लोग उनके जोखिम उठाने के जज़्बे से भली-भांति परिचित हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जो लोग न्याय की उम्मीद कर रहे हैं, उनके लिए सब कुछ वैसा ही होगा जैसा वे चाहते हैं।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले में 26 पर्यटकों की जान गई थी। इस घटना के बाद, पीएम मोदी ने पीड़ितों को न्याय दिलाने का वादा किया और दोषियों को सजा देने की बात कही। केंद्र सरकार ने इस घटना के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं।
राजनाथ सिंह ने राजनीति के अर्थ को समझाते हुए कहा कि यह शब्द 'राज' और 'नीति' से मिलकर बना है, लेकिन आज यह अपना असली अर्थ खो चुका है। उन्होंने संतों का आशीर्वाद मांगा ताकि वे इसे फिर से भारतीय राजनीति में स्थापित कर सकें।
उन्होंने भारत की ताकत को उसकी संस्कृति और आध्यात्मिकता में बताया। उनका कहना था कि जब तक हम आर्थिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत नहीं होंगे, तब तक हम एक विकसित भारत नहीं बना सकते।
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि जैसे हम राष्ट्र की शारीरिक रक्षा करते हैं, वैसे ही संत हमारी आत्मा की रक्षा करते हैं। उन्होंने भारत की शक्ति को केवल सैन्य बल में नहीं, बल्कि उसकी संस्कृति और आध्यात्म में भी देखा।
उन्होंने भारत के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भूमि वीर अर्जुन जैसे योद्धाओं और भगवान बुद्ध जैसे महायोगियों की है। भारत वह स्थान है जहां तलवार भी तपस्या से पवित्र होती है।
You may also like
जोस बटलर बन गए धोनी…, इस तरह से MI के बल्लेबाज को किया रन-आउट, देखें VIDEO
भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर पर किया हमला
IPL 2025- भारतीय क्रिकेटर्स जो हैं वेजिटेरियन, जानिए इनके बारे में
सैफ अली खान के हमले पर पुलिस का चौंकाने वाले खुलासे-जानकर देश दंग ˠ
IPL 2025: सूर्यकुमार यादव ने तोड़ा सचिन तेंदुलकर का गजब रिकॉर्ड, ऐसा करने वाले मुंबई इंडियंस के पहले बल्लेबाज बने