नकली दवाओं का बाजार दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है जिससे पब्लिक हेल्थ को गंभीर खतरा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार लो और मिडिल इनकम वाले देशों में हर 10 में से 1 मेडिकल प्रोडक्ट नकली या घटिया है। भारत जो दुनिया का सबसे बड़ा जेनेरिक दवा निर्माता है भी इस समस्या का सामना कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार असली और नकली दवाओं में अंतर पहचानने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
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