भारत के राजा-महाराजा कभी दुनिया के सबसे अमीर शासकों में शुमार किए जाते थे. इसीलिए ब्रिटिश साम्राज्य को हमेशा यह डर था कि भारतीय शासक उनकी सत्ता को चुनौती दे सकते हैं. अपनी समस्या निपटने के लिए अंग्रेजों ने भारतीय राजाओं को कई अलग-अलग तरह के हथकंडे अपनाकर कमजोर किया, इन्हीं में से एक यह था कि सुंदर महिलाओं के जाल में फंसाकर राजाओं को ब्लैकमेल किया जाता था.
प्रेम जाल में फंसाकर वसूली मोटी रकम कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक एक ऐसी ही घटना बड़ौदा रियासत के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ III के साथ हुई. कहा जाता है कि लंदन में एक शादीशुदा अंग्रेज महिला ने उन्हें प्रेम के जाल में फंसा लिया और फिर उसके पति ने उन्हें बदनाम करने की धमकी देकर महाराजा सयाजीराव से बड़ी रकम वसूल की थी.
महाराजा सयाजीराव को प्रेम जाल में फंसाया महाराजा सयाजीराव के परपोते फतेसिंहराव प्रतापराव गायकवाड़ II ने अपने परदादा की जीवनी ‘सयाजीराव ऑफ बड़ौदा, द प्रिंस एंड द मैन’ में इस घटना का जिक्र किया है. इस घटना का खुलासा सबसे पहले महाराजा के निजी डॉक्टर सुमंत मेहता ने किया था, जो यूरोप यात्रा के दौरान उनके साथ ही थे.
महाराजा और पत्नी के बीच बढ़ गया था तनाव रिपोर्ट्स में डॉ मेहता हवाले से बताया गया कि सयाजीराव गायकवाड़ एक उम्रदराज व्यक्ति थे और वह एक युवा महिला के प्रेम में पड़ गए थे. यह घटना उस समय इंग्लैंड में बहुत बड़ी खबर बनी और इससे महाराजा और उनकी पत्नी के बीच भी तनाव बढ़ गया. फतेसिंहराव ने लिखा कि यह एक चालबाज जोड़े का खेल था, जिसमें वे अमीर लोगों को प्रेम-जाल में फंसाकर ब्लैकमेल करते थे.
क्या दोनों के बीच शारीरिक संबंध थे? फतेसिंहराव की किताब के मुताबिक इस घटना की मुख्य किरदार ‘बीट्रिस स्टैथम (Beatrice Statham)’नाम की एक महिला थी, जो पहले से ही पुलिस के लिए जानी-पहचानी थी. बीट्रिस ने महाराजा के साथ प्रेम का नाटक किया, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिला कि वे दोनों हकीकत में शारीरिक संबंध में थे. कुछ समय बाद जब महाराजा बीट्रिस के साथ थे, तभी अचानक उसका पति ‘एर्नेस्ट इमैनुअल स्टैथम’ वहां पहुंचा और गुस्सा दिखाते हुए उन्हें बदनाम करने की धमकी दी.
महाराजा को देनी पड़ी भारी रकम महिला के पति ने कहा कि वह अपनी पत्नी से तलाक लेगा और अदालत में महाराजा को उसकी पत्नी का प्रेमी बताकर बदनाम करेगा. हालांकि शुरुआत में, सयाजीराव ने अपने वकीलों की सलाह पर इस ब्लैकमेलिंग को नजरअंदाज कर दिया, लेकिन बाद में अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए उन्होंने भारी रकम देकर मामला सुलझा लिया.
ब्रिटिश सरकार की साजिश? फतेसिंहराव ने इशारा किया कि यह पूरी घटना ब्रिटिश सरकार की साजिश भी हो सकती है. महाराजा सयाजीराव ब्रिटिश हुकूमत के बड़े आलोचक थे और स्वतंत्रता संग्राम के प्रति उनकी सहानुभूति थी. यही वजह थी कि अंग्रेज हमेशा उनकी हर गतिविधि पर भी नजर रखते थे.
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