Palmistry Lucky Sign : हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हथेली पर बनने वाली लकीरों और चिन्हों से व्यक्ति के करियर, प्रेम-संतान, व्यापार, आयु और स्वभाव समेत कई चीजों के बारे में पता लगाया जा सकता है। दोनों हथेलियों को मिलाने पर चांद का बनना भी व्यक्ति के जीवन से जुड़ी कई दिलचस्प बातों का संकेत देते हैं। हथेली पर आधा चांद बनना बेहद शुभ माना गया है। इससे व्यक्ति के सुखी जीवन और स्वभाव समेत कई खास बातों का अनुमान लगाया जा सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि हथेली पर चांद बनना शुभ होता है या अशुभ?
-दोनों हथेलियों को जोड़ने पर अर्ध चंद्र की आकृति बनना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा व्यक्ति बहुत धैर्यवान होता है और वह जीवन की सभी कठिनाईयों का आत्मविश्वास के साथ सामना करता है।
– अगर आपके हथेली पर भी आधा चांद बनता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। हस्तरेखा शास्त्र में यह बहुत मंगलकारी माना गया है। मान्यता है कि जिस व्यक्ति की हथेली पर आधा चांद बनता है ऐसे लोग बहुत भाग्यशाली होते हैं।
-हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति की हथेली पर अर्ध चंद्र बनता है, ऐसे जातक का वैवाहिक जीवन सुख-सुविधाओं में व्यतीत होता है और इनका जीवनसाथी बहुत सपोर्टिव और केयरिंग होता है।
-जिन जातकों के हथेली पर आधा चांद बनता है, ऐसे लोग बहुत अच्छे दोस्त भी साबित होते हैं और मुश्किल की घड़ी में अपने दोस्तों का कभी साथ नहीं छोड़ते हैं।
-कहा जाता है कि हथेली पर अर्ध चंद्र बनने से ससुराल पक्ष के साथ रिश्ता काफी मधुर रहता है और परिवार के सभी सदस्यों से बहुत प्यार और मान-सम्मान मिलता है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। ।
– मान्यता है कि जिन व्यक्तियों की हथेली पर आधा चांद बनता है, वह पॉजिटिविटी के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करते हैं। ऐसे जातकों की स्मरण शक्ति भी बहुत अच्छी होती है।
You may also like
लारा दत्ता के पिता एलके दत्ता का निधन, पति महेश भूपति संग अंतिम संस्कार में शामिल हुईं एक्ट्रेस
2025 के पहले पांच महीनों में मुंबई में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से राजस्व में 17 प्रतिशत का जबरदस्त उछाल
एनआईए ने झारखंड आतंकी वित्तपोषण मामले में नए आरोपपत्र में तीन लोगों को किया नामजद
Tobacco addiction: पुरुषों और महिलाओं की सेहत पर गंभीर खतरा, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी
धौलपुर में बन्दूक की नोक पर लूट की वारदात! लाखों का माल लेकर फरार हुए 6 बदमा, मासूमों की गुल्लक भी नहीं बख्शी