सदियों से लोग भारत को एक महान देश के नाम से जानते हैं. क्यूंकि इस देश में हर प्रकार के नियम और कानून बनाए गए हैं जो कि हर स्वतंत्र देश की अहम पहचान है. इसके इलावा हर नागरिक का देश के कानून और नियमों की पालना करना ही एकमात्र धर्म है. यदि कोई व्यक्ति इन नियमों को तोड़ता है या फिर इनका विरोध करता है तो कानून की धारायों के तहत उस व्यक्ति पर सख्त से सख्त कारवाई की जाती है. वैसे तो हम सब लोगों की जिंदगी नियमों से भरपूर है मगर क्या आप जानते हैं कि जब कोई व्यक्ति घिनोना अपराध करता है तो उसकी सज़ा के लिए भी कानून को नियमों की पालना करनी पडती है. यदि कोई व्यक्ति किसी का खून करता है तो उसको सज़ा-ऐ-मौत यानी फांसी सुना दी जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फांसी को लेकर भी भारत सरकार ने कुछ ख़ास नियम और कानून बनाए हैं जिनकी पालना करना जरूरी होता है?
जी हाँ, यह बिलकुल सच बात है. फांसी के समय के लिए भी कुछ नियम बनाए गए हैं जिनमे से फांसी का फंदा, फांसी देने का समय, फांसी की प्रकिया आदि शामिल हैं. भारत में जब किसी अपराधी को फांसी होती है तो जल्लाद कैदी को फांसी देने से पहले उसके कान में कुछ कहता है और इसके बाद ही अपराधी को फांसी दी जाती है. आपको पढ़ र भले ही थोडा अजीब लग रहा होगा. मगर यह बिलकुल सच है. मगर अब आपके दिमाग में यह सवाल चल रहा होगा कि मरते हुए व्यक्ति से जल्लाद कान में क्या बात कहता होगा और आखिर क्यों? तो चलिए आपके सभी सवालों का जवाब आज हम आपको देने जा रहे हैं-
कान में ये बात बोलता है जल्लाददरअसल, फांसी देने के कुछ छन पहले जल्लाद अपराधी के कान में माफ़ी मांगता है और कहता है कि “मुझे माफ़ कर दो भाई, मैं मजबूर हूँ”. यदि मरने वाला व्यक्ति हिन्दू हो तो जल्लाद उसको “राम राम” बोलता है वहीँ अगर मरने वाला व्यक्ति मुस्लिम हो तो जल्लाद उसको अंतिम “सलाम” बोलता है. साथ ही जल्लाद उनसे कहता है कि “मैं सरकार के हुकुम का गुलाम हूँ इसलिए चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता”. बस इतना कह कर ही वह फांसी का फंदा खींच देता है.
भारत ने हैं केवल दो जल्लादआपको यह जानकर हैरानी होगी कि हमारे भारत देश में फांसी की सज़ा के लिए अभी तक केवल दो ही जल्लाद है. इन्हें सरकार द्वारा मारने की सैलरी भी दी जाती है. हालांकि, किसी को अपने हाथों से मौत के घाट उतारना सच में अपने आप में बहुत बड़ा काम है और इसको करने के लिए खासी हिम्मत की भी जरूरत है. गौरतलब है कि आम इंसान को फांसी देने के लिए सरकार इन जल्लादों को 3000 रुपया देती है जबकि किसी आतंकवादी को फांसी देने के लिए यह रकम बढ़ा दी जाती है. हम आपको बताते चले कि इंदिरा गांधी के हत्यारों को फांसी देने वाले जल्लाद को सरकार द्वारा 25000 रुपये दिए गए थे.
कहाँ बनता है ये फंदा?
हमारे भारत देश में जितने भी अपराधियों को फांसी की सज़ा दी जाती है, उन सब के लिए बिहार की बक्सर जेल में ही फंदा तैयार करवाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि वहां के लोग फंदे को बनाने में माहिर हैं. फांसी के फंदे की मोटाई को लेकर भी मापदंड तय है, फंदे की रस्सी डेढ़ इंच से ज्यादा मोटी रखने के निर्देश हैं. यहाँ तक कि इस फंदे की कीमत भी काफी कम रखी जाती है. दस साल पहले फांसी का फंदा 182 रुपए में जेल प्रशासन को उपलब्ध कराया गया था.
You may also like
महाकाल मंदिर उज्जैनं में आद्य गुरु श्रीशंकराचार्यजी का पूजन किया
भागता हुआ आया फैन बॉय और फिर छुए रोहित के पैर, आप भी देखिए सोशल मीडिया पर VIRAL ये प्यारा VIDEO
Elon Musk हैं इस Indian इंजीनियर के फैन, जिसने किया था ये काम
Karnataka SSLC Result 2025: How to Access Duplicate Marksheet and Fail Marks Card Online
एक चपरासी कैसे बना फेविकोल जैसी बड़ी कंपनी का संस्थापक। जानिए यह रोचक कहानी 〥