नई दिल्ली, 21 अक्टूबर . भारत ने कबड्डी विश्व कप 2016 में ईरान को 38-29 से हराकर खिताब पर कब्जा जमाया था. यह मैच अहमदाबाद के द एरेना ट्रांसस्टेडिया में खेला गया था और भारत ने लगातार तीसरी बार कबड्डी विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था.
भारतीय टीम की जीत में दिग्गज रेडर अजय ठाकुर का महत्वपूर्ण योगदान था, जिन्होंने लगातार सफल रेड डालते हुए पहले हाफ में पीछे चल रहे भारत को न सिर्फ बराबरी दिलाई, बल्कि अहम समय पर मजबूत भी किया. अजय ठाकुर ने कुल 12 अंक हासिल किए थे.
विश्व कप में यह हैट्रिक जीत पूरे देश के लिए खास थी. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी टीम इंडिया को बधाई दी थी. यह जीत न केवल भारतीय कबड्डी टीम के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण था.
कबड्डी भारत की मिट्टी, इतिहास और संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ खेल है. बड़े मंच पर भारत की सफलता और प्रो कबड्डी लीग ने इस खेल को और अधिक लोकप्रिय बना दिया. यह एक टीम खेल है जहां फिट शरीर और तेज दिमाग और मजबूत रणनीति रखना बेहद जरूरी है. यह शारीरिक फिटनेस, टीम भावना, और खेल भावना को बढ़ावा देता है.
इस पारंपरिक भारतीय खेल ने हाल के वर्षों में खूब लोकप्रियता हासिल की है. कबड्डी खासकर ग्रामीण इलाकों में जमीनी स्तर पर मशहूर है, जिससे शारीरिक फिटनेस और स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है.
आज, कबड्डी के देश भर में लाखों प्रशंसक हैं. भारतीय राष्ट्रीय कबड्डी टीम ने हाल के वर्षों में कई अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं, जिसमें कबड्डी विश्व कप भी शामिल है. प्रो कबड्डी लीग ने इस खेल में क्रांति ला दी है और इसे खिलाड़ियों के लिए एक आकर्षक करियर विकल्प बना दिया है. इस लीग ने शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को आकर्षित किया है.
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एएमजे/एएस
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