रांची, 1 मई . झारखंड में पिछले 12 घंटे के दौरान अलग-अलग घटनाओं में तीन युवकों ने खुदकुशी कर ली. पहली घटना दुमका की है, जहां सेंट्रल जेल में बंद एक युवक ने गुरुवार की दोपहर बाथरूम में घुसकर गमछे के सहारे फांसी लगा ली. यह युवक अपनी भतीजी से दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोप में 27 अप्रैल से जेल में बंद था.
सेंट्रल जेल के अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर ने बताया कि आरोपी बाथरूम गया था. काफी देर तक वह बाहर नहीं आया तो जेलकर्मी और अन्य कैदी बाथरूम में घुसे. वह गमछे के सहारे फंदे से लटका पाया गया. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया.
युवक दुमका जिले के मसलिया थाना क्षेत्र का रहने वाला था. 27 अप्रैल को जेल लाए जाने के अगले दिन से उसने खाना-पीना छोड़ दिया था. 30 अप्रैल को अधीक्षक के समझाने पर उसने खाना-पीना शुरू किया था. उसने जेल में किन परिस्थितियों में फांसी लगाई, इसकी जांच की जा रही है.
इधर, पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) के झींकपानी थाना क्षेत्र अंतर्गत सूरजाबासा गांव निवासी हरीश देवगम और पांड्रासाली ओपी क्षेत्र के बादेया गांव के रहने वाले डोडांग बानसिंह ने बुधवार की देर रात अपने-अपने घरों में फांसी लगाकर जान दे दी. इन दोनों की शादी करीब एक साल पहले हुई थी.
बताया गया कि हरीश देवगम बेरोजगारी की वजह से तनाव में रहता था. उनकी पत्नी मनीषा के अनुसार एक सप्ताह पहले हरीश काम की तलाश में रांची गया था. वह काम नहीं मिलने पर परेशान था. बुधवार देर रात उसका शव घर के एक कमरे में फंदे से लटका पाया गया.
खुदकुशी करने वाले तीसरे युवक बान सिंह के बारे में उसकी पत्नी सपना सुमित्रा देवगम का कहना है कि उनकी मानसिक स्थिति कुछ दिनों से ठीक नहीं थी. वह किसी भी वक्त घर से बेवजह कहीं निकल जाता था. बुधवार रात को भी वह कहीं बाहर से लौटा और खुद को एक कमरे में बंद कर लिया. कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो वह फांसी से लटका पाया गया.
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एसएनसी/एबीएम
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