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चैत्र नवरात्रि की नवमी को मां सिद्धिदात्री का पूजन, देशभर के मंदिरों में जुटे भक्त

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वाराणसी/जौनपुर, 6 अप्रैल . चैत्र नवरात्रि का नौवां दिन देशभर में भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. मां सिद्धिदात्री की पूजा के साथ नवरात्रि का समापन हो रहा है. वाराणसी से हिमाचल तक, मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है, जो मां से सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं.

धर्म नगरी काशी में चैत्र नवरात्रि का नौवां और आखिरी दिन भक्ति के रंग में रंगा हुआ है. आज मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा के लिए सुबह से ही देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा है. दुर्गाकुंड स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर में भोर से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है.

श्रद्धालु नरेंद्र कुमार मिश्रा ने से बातचीत में बताया, “आज नवमी है. आज रामनवमी के दिन मां की विदाई होगी. यह मां दुर्गा का मंदिर है और सुबह से लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं. आज नवरात्रि का समापन हो रहा है.” मंदिर परिसर में भक्तों की आस्था और उत्साह का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है.

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की आराधना का विशेष महत्व है. मां के इस स्वरूप को सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला माना जाता है. मार्कंडेय पुराण में अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व जैसी आठ सिद्धियों का उल्लेख है. भक्तों का मानना है कि मां की कृपा से सुख, समृद्धि और शांति मिलती है. मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली, सिंह पर सवार और प्रसन्न मुद्रा में विराजमान हैं.

देवी पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने मां की उपासना से सिद्धियां प्राप्त की थीं, जिसके बाद उनका अर्धनारीश्वर रूप प्रकट हुआ. नवमी को भक्त मां को 56 व्यंजनों का भोग लगाकर और नौ प्रकार के फल-फूल अर्पित कर नवरात्रि का समापन कर रहे हैं. मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है. सिद्धपीठों पर देशभर से आए श्रद्धालु मां के दर्शन को आतुर हैं और कहते हैं कि यहां आकर मन को असीम शांति मिलती है.

हिमाचल प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नैना देवी मंदिर में भी आज रामनवमी का खास आयोजन हुआ है. श्रद्धालु मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना में जुटे हैं. इस मंदिर का हवन कुंड अपने चमत्कार और रहस्य के लिए जाना जाता है. इसमें कितना भी हवन किया जाए, राख बाहर नहीं निकालनी पड़ती, बल्कि वह अपने आप कुंड में समा जाती है. मात्र एक फीट गहराई वाला यह हवन कुंड नवरात्रि में 24 घंटे प्रज्वलित रहता है. श्रद्धालु यहां सुख-समृद्धि, विजय, बीमारी से मुक्ति और शत्रु नाश के लिए हवन करते हैं. मंदिर के द्वार नवरात्रि के दौरान दिन-रात खुले रहते हैं. भक्तों का कहना है कि इस हवन कुंड में आहुति डालने से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

जौनपुर के शीतला चौकिया धाम में भी नौवें दिन भक्तों का सैलाब उमड़ा. मां शीतला के दर्शन के लिए सुबह से ही मंदिर परिसर में लंबी कतारें लगीं. भक्तों ने नारियल, चुनरी और फूल चढ़ाकर अपने परिवार की खुशहाली की कामना की. नौ दिनों तक उपवास रखने वाली महिलाओं ने मां के दर्शन और कन्या पूजन के साथ अपनी उपासना पूरी की. मंदिर और आसपास पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. भक्ति से सराबोर माहौल में भक्त मां के चरणों में नतमस्तक हैं.

एसएचके

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