बीड, 29 मई . महाराष्ट्र के बीड जिले के अष्टी तालुका में बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. पिछले आठ दिनों से हो रही लगातार बारिश ने केला, अनार और प्याज जैसी नकदी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलें सड़ने लगी हैं. किसानों ने सरकार से फौरन नुकसान की भरपाई की मांग की है.
जिले में कुल 3930.18 हेक्टेयर कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है, जिसमें से अकेले अष्टी तालुका में 3894.23 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं. धामनगांव, जो कि अष्टी का एक प्रमुख गांव है, वहां के किसानों ने बताया कि लाखों रुपये खर्च कर तैयार की गई फसलें अब पानी में बह गई हैं.
संजय भाऊसाहेब, जो धामनगांव के एक किसान हैं, ने बताया, “मैंने अनार, प्याज और टमाटर की खेती की थी. फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है. कृषि सहायकों और सेवकों से संपर्क किया, लेकिन कोई अब तक खेत पर नहीं आया. हमारी क्षति का आकलन नहीं हो रहा, सिर्फ आश्वासन मिल रहे हैं.”
राजकुमार पांडुरंग चौधरी, एक अन्य किसान, ने कहा, “मैंने अपने खेत में केला लगाया था और इसके लिए 2.5 लाख रुपये खर्च किए. बैंक से कर्ज भी लिया, लेकिन बारिश ने सब तबाह कर दिया. अब केले सड़ने लगे हैं. सरकार से गुज़ारिश है कि हमारी मदद करें.”
किसानों के नुकसान का आकलन करने वाले कृषि सहायक और सेवक इस समय हड़ताल पर हैं, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं. पंचनामा कौन करेगा, ये बड़ा सवाल बना हुआ है. जब तक नुकसान का सरकारी दस्तावेज़ीकरण नहीं होता, मुआवज़ा मिलना भी मुश्किल है.
किसानों ने स्पष्ट कहा है कि अब केवल आश्वासनों से काम नहीं चलेगा. लाखों का नुकसान झेल रहे किसान चाहते हैं कि सरकार तत्काल सर्वे कराए और उन्हें आर्थिक राहत दी जाए.
–
डीएससी/
The post first appeared on .
You may also like
भरतपुर में पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार, वीडियो में जानें सेना से जुड़ी जानकारियां भेज रहा था बाहर
देर रात सड़क हादसे में 28 वर्षीय एडवोकेट की मौत, वीडियो में जानें सब इंस्पेक्टर भी गंभीर रूप से घायल
किरोड़ीलाल मीणा ने दोबारा किया खाद की फैक्ट्रियों का औचक निरीक्षण, वीडियो में जानें अधिकारियों ने 5 कारखानों को किया सीज
सिकरहना नदी में डूबे तीन बच्चे,दो की मौत,एक को लोगों ने बचाया
ज्ञानार्जन का आधार है ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा: उमाशंकर पोद्दार