श्रीनगर, 15 मई . ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित बादामी बाग कैंट पहुंचे. यहां उन्होंने सेना के जवानों से बातचीत की और उन्हें संबोधित भी किया. उन्होंने कहा कि मैं आज आपकी उस ऊर्जा को महसूस करने आया हूं, जिसने दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर दिया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “पहलगाम में आतंकवादियों के हमले में हताहत हुए सभी निर्दोष नागरिकों और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए हमारे सैनिकों को नमन करता हूं. मैं, हमारे घायल सैनिकों के साहस को भी नमन करता हूं और ईश्वर से यह प्रार्थना करता हूं कि वो जल्द से जल्द स्वस्थ हों. इस विषम परिस्थिति में आप सबके बीच आकर आज मैं बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. हमारे प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान आपने जो कुछ किया, उसने पूरे देश को गर्व से भर दिया है. मैं अभी भले ही आपका रक्षा मंत्री हूं, लेकिन उससे पहले तो भारत का नागरिक हूं. रक्षा मंत्री के साथ-साथ मैं आज भारत के नागरिक के रूप में भी आपका आभार प्रकट करने आया हूं.”
उन्होंने कहा, “मैं आपकी उस ऊर्जा को महसूस करने आया हूं, जिसने दुश्मनों को नेस्तनाबूद कर दिया. आपने जिस तरीके से सीमा के उस पार पाकिस्तान की चौकियों और बंकरों को ध्वस्त किया, दुश्मन उसे कभी भूल नहीं पाएगा. आपने देखा होगा कि आमतौर पर लोग जोश में होश खो देते हैं, लेकिन आपने जोश भी रखा, होश भी रखा और सूझबूझ के साथ दुश्मन के ठिकानों को बर्बाद किया. आज मैं यहां रक्षा मंत्री के साथ-साथ एक मैसेंजर के रूप में भी आया हूं. पूरे देश की शुभकामनाएं, उनकी प्रार्थनाएं और उनकी कृतज्ञता लेकर मैं आपके बीच आया हूं. एक तरह से आप समझिए कि मैं एक डाकिया बनकर आपके बीच आया हूं और देशवासियों का संदेशा लाया हूं. संदेश यह है, कि ‘हमें हमारी सेनाओं पर गर्व है’.”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की. उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक ऑपरेशन का नाम भर नहीं है, बल्कि यह एक प्रतिबद्धता है. एक ऐसी प्रतिबद्धता, जिसमें भारत ने दिखा दिया कि हम सिर्फ डिफेंस नहीं करते, जब वक्त आता है, तो हम कठोर निर्णय भी लेते हैं. यह ऑपरेशन उस एक-एक जवान की आंखों में देखा गया सपना था कि हर आतंकी ठिकाना, चाहे वो घाटियों में छुपा हो या बंकरों में दबा हो, हम वहां पहुंचेंगे और दुश्मन की छाती चीरकर, हम उन आतंकी ठिकानों को खत्म करके ही लौटेंगे.
उन्होंने कहा, “‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा चलाई गई अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई है. 35-40 वर्षों से भारत सरहद पार से चलाए जा रहे आतंकवाद का सामना कर रहा है. आज भारत ने पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ हम किसी भी हद तक जा सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो-टूक शब्दों में आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को फिर से परिभाषित कर दिया है, जो यह कहती है कि हिंदुस्तान की सरजमीं पर किया गया कोई भी आतंकी हमला एक ‘एक्ट ऑफ वॉर’ माना जाएगा. दोनों देशों में जो समझ अभी बनी है, वह इसी बात को लेकर है कि सरहद पार से कोई बेजा हरकत नहीं की जाएगी. अगर की गई तो बात निकलेगी तो बहुत दूर तलक जाएगी. साथ ही हमारे प्रधानमंत्री ने यह भी साफ कर दिया है कि आतंकवाद और बात एक साथ नहीं चलेंगे और अगर बात होगी तो आतंकवाद पर होगी, पीओके पर होगी.”
रक्षा मंत्री ने आतंकियों को भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कामयाबी ने पाकिस्तान में छिपे आतंकी संगठनों और उनके आकाओं को भी यह साफ-साफ बता दिया है कि वो कहीं भी अपने आप को महफूज और सुरक्षित न समझें. अब वे भारतीय सेनाओं के निशाने पर हैं. दुनिया जानती है कि हमारी सेनाओं का निशाना अचूक है और जब वो निशाना लगाते हैं तो गिनती करने का काम दुश्मनों पर छोड़ देते हैं. आज आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिज्ञा कितनी कठोर है, इसका पता इसी बात से चलता है कि हमने उनके न्यूक्लियर ब्लैकमेल की भी परवाह नहीं की है. पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे गैर जिम्मेदाराना तरीके से पाकिस्तान द्वारा भारत को अनेक बार एटमी धमकियां दी गईं हैं. आज श्रीनगर की धरती से मैं पूरी दुनिया के सामने यह सवाल उठाना चाहता हूं कि क्या ऐसे गैर जिम्मेदार और दुष्ट राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मैं मानता हूं कि पाकिस्तान के एटमी हथियारों को आईएईए यानी (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) की निगरानी में लिया जाना चाहिए.
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एफएम/केआर
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