मुंबई, 6 मई . ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) 2025 में प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के माध्यम से कबड्डी के उल्लेखनीय पुनरुत्थान को स्वीकार करते हुए भारत के स्वदेशी खेलों की उल्लेखनीय वैश्विक यात्रा पर प्रकाश डाला.
‘स्वदेशी खेल: भारत से वैश्विक मंच तक’ शीर्षक सत्र में बोलते हुए, ओडिशा के सीएम ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे कबड्डी जैसे पारंपरिक खेल सामुदायिक शगल से अंतरराष्ट्रीय खेल सनसनी में बदल गए हैं.
सीएम माझी ने कहा, “स्वदेशी खेल हमारे इतिहास और संस्कृति में निहित हैं. वे अनादि काल से हमारे समुदायों का अभिन्न अंग रहे हैं, जो टीम वर्क, धीरज, प्रकृति के प्रति सम्मान और सामूहिक आनंद जैसे विभिन्न गुणों को विकसित करते हैं. यह आयोजन केवल इन खेलों का उत्सव नहीं है, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है – एक ऐसी संस्कृति जो हमारे पूर्वजों की बुद्धिमत्ता, लचीलापन और रचनात्मकता को दर्शाती है.”
सत्र में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे पीकेएल ने पारंपरिक भारतीय खेलों को वैश्विक पहचान दिलाने में मदद की है. अब अपने 12वें सीजन में प्रवेश करते हुए, पीकेएल ने दुनिया भर के दर्शकों द्वारा स्वदेशी खेलों को पैकेज करने, प्रस्तुत करने और उपभोग करने के तरीके में क्रांति ला दी है.
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें कबड्डी जैसे पारंपरिक खेलों के उल्लेखनीय पुनरुत्थान को स्वीकार करना चाहिए. प्रो कबड्डी लीग जैसी पहलों की बदौलत, इस खेल ने पूरे भारत में लाखों लोगों की कल्पना को आकर्षित किया है.”
उन्होंने कहा, “हमने कबड्डी को लोगों के घरों और दिलों तक पहुंचाया है. जो खेल कभी केवल छोटे समुदायों में खेला जाता था, वह अब भारत की सबसे लोकप्रिय और व्यावसायिक रूप से सफल खेल लीगों में से एक बन गया है, जो पूरे देश में युवा लड़कों और लड़कियों को प्रेरित कर रहा है.”
पैनल चर्चा में भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र के प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया, जिसमें रक्षा खडसे, केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री, अनुपम गोस्वामी, मशाल के बिजनेस हेड और पीकेएल के लीग चेयरमैन, सुधांशु मित्तल, भारतीय खो खो महासंघ के अध्यक्ष; अंतरराष्ट्रीय खेल सलाहकार निक कावर्ड, फैनकोड के सह-संस्थापक यानिक कोलासो और ईरान से अंतरराष्ट्रीय कबड्डी स्टार फजल अत्राचली शामिल थे.
माझी ने स्वदेशी खेल विकास के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को भी रेखांकित किया. “हमारा दृष्टिकोण सरल है – हर गांव में चैंपियन बनाना और यह सुनिश्चित करना कि सपने देखने वाले हर बच्चे को शुरुआत करने के लिए सही मंच मिले.” उन्होंने कहा, “स्वदेशी खेलों की परिवर्तनकारी यात्रा उल्लेखनीय रही है, जिसमें कबड्डी एक वैश्विक घटना के रूप में उभरी है. एशियाई खेलों में इसकी शुरुआती पहचान से लेकर जियोस्टार के साथ इसकी ऐतिहासिक साझेदारी तक, प्रो कबड्डी खेल पारिस्थितिकी तंत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में विकसित हुई है.”
अपने भाषण का समापन करते हुए, माझी ने कहा, “पारंपरिक खेलों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और वैश्विक मंच पर विस्तारित किया जाना चाहिए. इन प्रयासों के माध्यम से, हम अपने पारंपरिक खेलों को भारत की सीमाओं के भीतर और बाहर लाखों लोगों तक पहुंचा सकते हैं.” “स्वदेशी खेलों को संरक्षित करना हमारी आत्मा को संरक्षित करना है. यह हमारे बच्चों को उनकी विरासत में निहित होने और गर्व की भावना देने के बारे में है. यह हमारे अतीत की ताकत में निहित भविष्य के निर्माण के बारे में है.”
–
आरआर/
The post first appeared on .
You may also like
MAT 2025 May Session Registrations Open: Check Important Dates, Exam Modes, and Fee Details
आप लोग बहुत जल्दी समझ गए... पानी को लेकर पीएम मोदी ने ऐसा क्या कहा कि जमकर लगे नारे
Mock Drill in India: गृह मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक, नागरिकों को प्रशिक्षित करने पर चर्चा
दिल दहला देने वाला खौफनाक मंजर, एक साथ उठीं 10 अर्थियां…अंतिम यात्रा में रोई हर आंख… ˠ
ये मनमानी नहीं तो क्या है... सतलुज-यमुना लिंक नहर विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को जमकर सुनाया