जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की फटकार के बाद लंबित मामलों में पैरवी के सम्बन्ध में अधिकारियों की ढिलाई पर राज्य सरकार ने सख्त रुख दिखाया है। सरकार ने इस स्थिति के लिए प्रशासनिक विभाग व विभागाध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराते हुए मॉनिटरिंग पर सवाल उठाया है।
इस मामले में सभी विभागों को हिदायत दी गई है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसी केस में सरकार हारती है या जुर्माना लगता है तो उसकी वसूली केस के प्रभारी अधिकारी या अन्य दोषी से की जाएगी। साथ ही, तथ्यात्मक रिपोर्ट या जवाब पेश करने में देरी पर जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को भी कहा गया है।
विधि विभाग की ओर से इस बारे में सभी विभागों के लिए परिपत्र जारी किया गया। विभागाध्यक्षों से कहा है कि केस प्रभारी अधिकारियों व संबंधित अधिवक्ताओं से ऑनलाइन मीटिंग कर नोडल अधिकारियों के माध्यम से विभागवार लंबित प्रकरणों की सूची तैयार करवाई जाए। इसे एक माह के भीतर अतिरिक्त महाधिवक्ताओं व राजकीय अधिवक्ता को उपलब्ध करवा दिया जाए।
साथ ही, कहा कि निर्देशों की पालना नहीं होने पर नोडल अधिकारियों व केस के प्रभारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके अलावा सरकार से सम्बन्धित वकीलों से कहा है कि उनके पास किसी केस का रिकॉर्ड नहीं हो तो उसकी नोडल अधिकारी को जानकारी दी जाए।
सभी विभागों से कहा गया है कि विधि प्रकोष्ठ बनाए जाए, जिससे विभागाध्यक्ष स्तर पर मॉनिटरिंग की जा सके। उल्लेखनीय है कि हाल ही एक मामले में केस प्रभारी अधिकारियों के वकीलों से समन्वय स्थापित नहीं करने और उसके कारण पैरवी बाधित होने पर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी।
You may also like
Best Phones Under ₹20,000 in April 2025: Top Picks With Excellent Performance, Cameras & Battery Life
Happy Birthday KL Rahul: संघर्ष से बदली किस्मत, IPL में किया शानदार प्रदर्शन
OnePlus Pad 2 Pro Spotted on Geekbench With Snapdragon 8 Elite and 16GB RAM
मुंबई इंडियंस ने मुंबई एयरपोर्ट पर स्टार खिलाड़ियों की प्रतिमा लगाकर उनका सम्मान किया
कर्नाटक : सीईटी परीक्षा से पहले छात्रों से उतरवाए गए जनेऊ, मंत्री बोले- जिम्मेदार लोगों पर होगी कार्रवाई