देशभर में गर्मी का कहर शुरू हो गया है और कार से यात्रा करने वालों के लिए एसी के फैन की स्पीड बढ़ाना भी अनिवार्य हो गया है। ऐसे में एक बात जो लोगों को परेशान करती है, वो ये है कि क्या कार में एसी के फैन की स्पीड कम करने से माइलेज भी घटती या बढ़ती है क्या, आप भी अगर इन सवालों से जूझ रहे हैं तो आज हम आपको इसी बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।दरअसल, गाड़ियों में एयर कंडीशनिंग (AC) एक आधुनिक सुविधा है, जो केबिन के अंदर ड्राइवर और पैसेंजर को गर्मी और उमस से राहत दिलाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस आराम का हमारी गाड़ी की माइलेज पर क्या असर पड़ता है? एसी काम कैसे करता है?आपको बता दें कि कार का एसी सिस्टम इंजन द्वारा ऑपरेट होता है। एक कंप्रेसर, जो एसी सिस्टम का मुख्य भाग है, इंजन से एक बेल्ट के माध्यम से जुड़ा होता है। जब एसी चालू किया जाता है, तो कंप्रेसर रेफ्रिजरेंट को कंप्रेस करता है, जिससे वह ठंडा होता है। इस ठंडी रेफ्रिजरेंट को फिर एक इवेपोरेटर कॉइल के माध्यम से गुजारा जाता है, जहां ब्लोअर मोटर के माध्यम से हवा को इस ठंडी कॉइल पर फेंका जाता है, जिससे ठंडी हवा केबिन में आती है। इस पूरी प्रक्रिया में कंप्रेसर को चलाने के लिए इंजन को अतिरिक्त पावर लगानी पड़ती है, जिससे ईंधन की खपत बढ़ जाती है।
एसी की हवा कम या ज्यादा करने का असरकार के अंदर एसी के फैन को कम या ज्यादा करने से सीधे तौर पर कंप्रेसर के काम करने के तरीके पर कोई बड़ाा प्रभाव नहीं पड़ता है। कंप्रेसर या तो ऑन रहता है और रेफ्रिजरेंट को लगातार कंप्रेस करता रहता है या वह ऑफ हो जाता है। एसी की हवा की स्पीड (ब्लोअर की स्पीड) को कंट्रोल करने से केवल केबिन में ठंडी हवा के प्रवाह की मात्रा बदलती है, न कि कंप्रेसर के लोड पर। हालांकि कुछ तरीके हैं जिनसे ब्लोअर की स्पीड माइलेज को थोड़ा प्रभावित कर सकती है।जब आप ब्लोअर की स्पीड बढ़ाते हैं तो ब्लोअर मोटर ज्यादा बिजली खींचती है। यह बिजली कार के इलेक्ट्रिकल सिस्टम से आती है, जो अल्टरनेटर द्वारा चार्ज किया जाता है। अल्टरनेटर को चलाने के लिए इंजन को थोड़ी अतिरिक्त शक्ति लगानी पड़ती है। इसलिए बहुत हाई ब्लोअर स्पीड पर इंजन पर थोड़ा अतिरिक्त लोड आ सकता है, लेकिन यह प्रभाव कंप्रेसर के लोड की तुलना में बहुत कम होता है। यह बात जरूर जान लेंयहां बता दें कि आप अगर एसी को बहुत कम तापमान पर सेट करते हैं और ब्लोअर की स्पीड कम रखते हैं, तो केबिन को ठंडा होने में ज्यादा समय लग सकता है। इस दौरान कंप्रेसर को लंबे समय तक काम करना पड़ सकता है, जिससे कुल ईंधन की खपत बढ़ सकती है। इसके उलट आप अगर टेंपरेचर थोड़ा ज्यादा रखते हैं और ब्लोअर की स्पीड बढ़ाते हैं तो केबिन जल्दी ठंडा हो सकता है और कंप्रेसर कम समय के लिए काम कर सकता है। हालांकि, यह प्रभाव बाहरी तापमान और केबिन के इन्सुलेशन पर भी निर्भर करता है।कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि कार में एसी चलाने से निश्चित रूप से माइलेज कम होती है, क्योंकि इंजन को कंप्रेसर चलाने के लिए अतिरिक्त काम करना पड़ता है। एसी की हवा को कम या ज्यादा करने (ब्लोअर की स्पीड बदलने) का माइलेज पर सीधा और बड़ा प्रभाव नहीं पड़ता है। ईंधन की ज्यादा खपत कंप्रेसर के ऑन रहने के दौरान होती है। हालांकि, हाई ब्लोअर स्पीड पर थोड़ा अतिरिक्त इलेक्ट्रिकल लोड आ सकता है।
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