फीस बढ़ोतरी के पहले प्रस्ताव देना जरूरी
जिन स्कूलों की शिकायत सामने आ रही है, उनका कहना है कि फीस जरूरत और नियम के हिसाब से बढ़ाई गई है। अनऐडेड रिकॉग्नाइज्ड प्राइवेट स्कूल्स की एक्शन कमिटी के प्रेजिडेंट भरत अरोड़ा का कहना है कि स्कूलों ने फीस दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट के तहत ही बढ़ाई है।
ज्यादातर स्कूलों ने 5% से 10% तक ही इजाफा किया है। उधर, शिक्षा निदेशालय का कहना है कि फीस बढ़ाने के लिए इजाजत लेने का मामला अभी कोर्ट में पेंडिंग है। सुनवाई मई में है।
किसे मिले फीस बढ़ाने की इजाजत?

प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी का मामला पिछले साल से उलझ कर रह गया है। नियम है अगर डीडीए या किसी दूसरी सरकारी एजेंसी की जमीन पर चल रहा कोई प्राइवेट स्कूल फीस बढ़ाने के लिए इच्छुक होता है तो उसे नए सेशन की शुरुआत में शिक्षा निदेशालय को ऑनलाइन प्रस्ताव भेजना (edudel.nic.in) और मंजूरी लेना जरूरी है।
मगर 27 मार्च 2024 में जब शिक्षा निदेशालय ने हर साल की तरह स्कूलों के नाम इसी आदेश को निकाला, तो प्राइवेट स्कूलों की एक्शन कमिटी ने हाई कोर्ट में चैलेंज कर दिया और सिंगल बेंच ने उसे अंतरिम राहत दी।
क्या बोलीं दिल्ली पैरंट्स असोसिएशन की अध्यक्ष?
दिल्ली पैरंट्स असोसिएशन की प्रेजिडेंट अपराजिता गौतम का कहना है कि इसी राहत का हवाला देते हुए कई स्कूलों ने फीस बढ़ाई और अब नए सेशन 2025-26 की भी फीस बढ़ा रहे हैं, जबकि इससे पहले 2016 हाई कोर्ट की डबल बेंच का आदेश है कि स्कूलों को पहले अनुमति लेना जरूरी है।
वह कहती हैं, कई प्राइवेट स्कूलों ने 10%-30% तक फीस बढ़ाई है। स्कूल ट्यूशन फीस, डिवेलपमेंट फीस, ट्रांसपोर्ट फीस के अलावा ओरिएंटेशन फीस, एसी, स्कूल ऐप के नाम पर भी फीस बढ़ा रहे हैं। वो टीचर्स को 7वें पे कमिशन देने तक की बात कर रहे हैं।
दिल्ली में करीब 1700 प्राइवेट स्कूल हैं। इनमें सरकारी जमीन पर बने प्राइवेट स्कूल 448 हैं। नियम के हिसाब से सभी स्कूलों को हर साल फाइनैंशल स्टेटमेंट देना जरूरी होता है। अगर निदेशालय को फीस बढ़ोतरी गलत लगती है, तो वो इसे रोक सकती है और स्कूल को बढ़ी हुई फीस पैरंट्स को वापस देनी होगी।
हर साल बढ़ रही है फीस
मॉडल टाउन के सृजन स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे के पैरंट नितिन गुप्ता ने बताया कि पिछले साल हाई कोर्ट से राहत दी तो स्कूल ने सीधे 30% फीस बढ़ाई और अब 15% और बढ़ा दी है। मनमानी फीस को लेकर स्कूल बच्चों को हैरस कर रहा है। दिल्ली के एल्कॉन इंटरनैशनल पब्लिक स्कूल में पढ़ने वाली एक स्टूडेंट के पिता बताते है कि उनके बच्चे की फीस पिछले साल जुलाई में बढ़ाकर 8640 रुपये की गई थी, जो अब 9470 रुपये कर दी गई है। 9 महीने में यह दूसरी बढ़ोतरी है।
जनकपुरी के मीरा मॉडल स्कूल में पढ़ने वाले एक स्टूडेंट के पैरंट ने बताया कि नए सेशन से ट्यूशन फीस 10% और डिवेपलमेंट फीस 15% फीस बढ़ा दी गई है। सलवान पब्लिक स्कूल, मयूर विहार की शिकायत भी पैरंट्स ने शिक्षा विभाग से की है कि स्कूल ने इस सेशन 19% बढ़ा दी है, जबकि पिछले साल 32% बढ़ाई थीं।
डीपीएस द्वारका, रोहिणी, वसंत कुंज की शिकायतें भी लगातार सामने आ रही हैं कि स्कूल मनमानी फीस को लेकर पिछले सेशन से ही स्टूडेंट्स को हैरस कर रहा है।
अपराजिता गौतम कहती हैं, हमारी लंबे समय से यह मांग है कि हर स्कूल को हर क्लास का सही फीस स्ट्रक्चर स्कूल की वेबसाइट के अलावा शिक्षा निदेशालय की वेबसाइट पर भी होना चाहिए, ताकि पैरंट्स शिक्षा विभाग, बाल अधिकार आयोग, सीएम, एलजी के दफ्तरों के चक्कर ना लगाते रहें या सड़क पर प्रदर्शन के लिए उन्हें मजबूर ना होना पड़े।
'फीस रेगुलेशन को लेकर कानून ही नहीं'

ऑल इंडिया पैरंट्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट अशोक अग्रवाल कहते हैं, दिल्ली में फीस रेगुलेशन को लेकर कोई कानून नहीं है। 2015 में दिल्ली सरकार 'फीस रेगुलेशन एक्ट' लाई थी मगर केंद्र से मंजूरी नहीं मिली। इसे नए सिरे से लाने की जरूरत है। फीस तय करने में कानून में सरकार को अथॉरिटी मिलनी चाहिए, मगर उल्टा प्राइवेट स्कूलों को अथॉरिटी मिली हुई है।
You may also like
चीन में बच्चे ने क्लासमेट को दिया सोने का तोहफा, परिवार में मच गया हड़कंप
Asus ExpertBook P Series Refreshed in India With Intel Core Ultra Series 2 CPUs, AI Features, and Military-Grade Durability
कासगंज गैंगरेप केस: घर पर सीसीटीवी का सख़्त पहरा और गांव में सन्नाटा, मंगेतर ने बताया उस दिन क्या हुआ था? ग्राउंड रिपोर्ट
Udaipur में दिल दहला देने वाला हादसा! कच्चे मकान में लगी भीषण आग में जिन्दा जले दो मासूम, चीखते-चिल्लाते रह गए मां-बाप
Honor GT Pro Design and Key Specs Revealed: 144Hz Display, Ultrasonic Fingerprint Sensor, and Snapdragon 8 Elite Confirmed