साल में एक बार यह टेस्ट जरूर करवाने चाहिए। इनके रिजल्ट से आप को आपके शरीर के सारे फंक्शन और कमियों के बारे में पता चल जाएगा। इसलिए इन्हें जरूर करवाएं।
यह टेस्ट आपकी सेहत पूरी तरह से सही है, यह जानने के लिए जरूरी होते हैं और समय समय पर करवाते रहने चाहिए। अगर आप को किसी तरह की शारीरिक समस्या भी होगी तो आप को तुरंत शुरुआत में ही इसके बारे में पता चल जाएगा।
इन टेस्ट में कौन कौन से टेस्ट शामिल होते हैं?
बेसिक मेटाबॉलिज्म पैनल आपके रूटीन मेडिकल चेक अप का एक हिस्सा होता है जिसमें आपकी किडनी फंक्शन, मेटाबॉलिज्म, शुगर आदि से जुड़े टेस्ट होते हैं। इनमें निम्न टेस्ट शामिल होते हैं :
ब्लड यूरिया नाइट्रोजन : यह आपके खून में नाइट्रोजन की मात्रा को नापता है ताकि किडनी फंक्शन का पता किया जा सके। क्रिएटिनिन : यह टेस्ट डॉक्टर को किडनी के फंक्शन के बारे में बताता है। ग्लूकोस : यह टेस्ट डॉक्टर को आपके शरीर के ग्लूकोस लेवल के बारे में बताता है ताकि शुगर का पता किया जा सके। CO2 : इस टेस्ट के माध्यम से शरीर में फेफड़ों के फंक्शन का पता चलता है। सोडियम : शरीर के वॉटर बैलेंस को जानने के लिए यह टेस्ट किया जाता है। पोटैशियम : यह शरीर में नमक जानने के लिए किया जाने वाला टेस्ट है।बेसिक मेटाबॉलिज्म पैनल क्यों किया जाता है?
इन टेस्टों के माध्यम से डॉक्टर आपके शरीर के ब्लड फिल्टरेशन, एसिड या बेस के बैलेंस, ब्लड शुगर लेवल, इलेक्ट्रोलाइट लेवल के बारे में जान सकते हैं। अगर आप को किडनी, फेफड़ों या इंसुलिन से जुड़ी कोई समस्या है तो समय रहते ही इन टेस्टों के माध्यम से इन बीमारियों का पता लगाया जा सकता है।
इन टेस्टों को कैसे किया जाता है?
इन सारे टेस्टों को करने की प्रक्रिया काफी साधारण और कम समय लगने वाली होती है। आपका केवल थोड़ा सा खून लिया जाता है और उसी से यह सारे टेस्ट कर दिए जाते हैं। आपके हाथ की नस में एक इंजेक्शन लगा कर आपका खून का सैंपल लिया जाता है।
टेस्ट से पहले किन किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है?
आपको टेस्ट करवाने से एक रात पहले डॉक्टर से बात करनी चाहिए और उनसे जरूरी सलाह लेनी चाहिए। आपके डॉक्टर हो सकता है आपको टेस्ट से पहले 8 से 9 घंटे पहले कुछ भी पीने के लिए मना कर दें। इसके अलावा आप को और कुछ करने की जरूरत नहीं है।
बेसिक मेटाबॉलिज्म पैनल के रिस्क में क्या-क्या शामिल है?
टेस्ट करवाने के बाद आप को उस हाथ से कुछ भी भारी समान नहीं उठाना चाहिए जिस हाथ से ब्लड सैंपल लिया गया है। इस टेस्ट को करने के बाद वैसे तो आपको किसी तरह का रिस्क नहीं रहता है लेकिन कई दुर्लभ केसों में थोड़े बहुत साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जैसे चक्कर आना, इन्फेक्शन हो जाना और कई बार अधिक समय तक ब्लीडिंग होते रहना आदि। हालांकि यह प्रभाव कुछ ही समय के लिए दिखते हैं और जल्दी ही खत्म हो जाते हैं इसलिए घबराने की या चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। इनके बाद आप को कुछ समय तक आराम करना चाहिए और कुछ हैवी या प्रेशर वाला काम करने से खुद को रोकना चाहिए। डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
You may also like
बच्चों ने चलाया गंगा सफाई अभियान
कारखाने की मशीन में फंसकर मजदूर की गई जान
बांग्लादेश ने दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला के लिए मुश्ताक अहमद को स्पिन सलाहकार नियुक्त किया
SL vs WI 1st ODI Dream11 Prediction: चरिथ असलंका या शाई होप, किसे बनाएं कप्तान? यहां देखें Fantasy XI
सीट शेयरिंग को लेकर महाविकास अघाड़ी में मतभेद नहीं, आज फिर होगी बैठक: रमेश चेन्निथला