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भारत के ये 4 दोस्त पाकिस्तान के दुश्मन!...बालाकोट से बड़ी चोट, अमेरिका से F-16, सऊदी अरब से तेल पर 'खेल'

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नर्ई दिल्ली: पहलगाम हमले के बाद पूरा देश गुस्से में है। उरी और पुलवामा हमलों के बाद एक बार फिर से इस हमले का बदला लेने की आवाजें उठ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार के मधुबनी में एक रैली में कहा था-हम हर आतंकवादी और उनके समर्थकों को पहचानेंगे, उनका पीछा करेंगे और उन्हें सजा देंगे। हम उन्हें धरती के अंत तक ढूंढेंगे। पीएम ने इस मामले में भारत के इरादे और संभावित प्रतिक्रिया की बात कह दी है। भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को रोक दिया है। अमेरिका, ब्रिटेन समेत पूरी दुनिया ने इस घिनौनी हरकत की कड़ी निंदा की है। जानते हैं भारत अगर कोई कदम उठाता है तो उसे किन देशों का समर्थन मिल सकता है? अमेरिका ने आतंकियों को ट्रैक करने का दिया भरोसाभारत को अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया निदेशक और तुलसी गबार्ड सहित कई देशों से पूरा समर्थन मिला है। तुलसी गबार्ड ने भारत को हमलावरों को न्याय के कटघरे में लाने में पूरी मदद करने का आश्वासन दिया है। यह अमेरिकी प्रशासन का एक महत्वपूर्ण बयान है। आतंकियों को ट्रैक करने में अमेरिकी मदद से भारतीय खुफिया क्षमता बढ़ेगी। इससे दुनिया को पाकिस्तानी सरकार की मिलीभगत का सबूत मिलेगा। पाकिस्तान पहले भी कई आतंकी हमलों में इसका इस्तेमाल एक बहाने के तौर पर करता रहा है। image 35 साल से पाकिस्तानी आतंक को झेल रहा है भारतभारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाने का तुरंत ऐलान किया। भारत यह जताना चाहता है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को मदद देना बंद नहीं करता, तब तक सामान्य कामकाज नहीं चल सकता। भारत पिछले 35 सालों में आतंकवाद के कारण बहुत नुकसान झेल चुका है। इसकी तीव्रता कभी कम तो कभी ज्यादा रही है। पहले, भारत की प्रतिक्रिया उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक तक धीमी रही थी। image पाकिस्तान की हजार घाव देने की रणनीतिडिफेंस एनालिस्ट लेफ्टिनेंट कर्नल (रि.) जेएस सोढ़ी के अनुसार, भारत के कदमों ने पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने से नहीं रोका है। पाकिस्तान की 'हजार घावों की रणनीति' ने भारत को कमजोर किया है, लेकिन पाकिस्तान को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। ऐसे में भारत को ऑपरेशनल और टैक्टिकल दोनों तरह का एक्शन शामिल करना चाहिए। पाकिस्तान को वह घुटनों पर ला सकता है। पाकिस्तान को मिल सकता है चीन और तुर्की का साथआर्थिक संकट के बावजूद पाकिस्तानी सेना ने अपने सदाबहार दोस्त चीन और तुर्की की मदद से तीनों क्षेत्रों में अपनी क्षमताएं बढ़ाना जारी रखा है। ऐसे में अगर भारत सैन्य कार्रवाई करता है, तो पाकिस्तान को चीन और तुर्की से गुप्त रूप से समर्थन मिलने की संभावना है। बलूचिस्तान, खैबर, सिंध और डूरंड रेखा से परेशान पाकिस्तानी सेना को अभी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तानी जनता सेना को अपना मसीहा और रक्षक नहीं मानती है। बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और अफगानिस्तान के साथ लगती डूरंड रेखा पर अशांति बढ़ रही है। 2019 में भारत के बालाकोट स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी फौज ने ऑपरेशन स्विफ्ट रिटॉर्ट चलाया था। भारत इन चुनौतियों का फायदा उठा सकता है। भारत को पाकिस्तान की ताकत की टोह लेनी होगीडिफेंस एनालिस्ट के अनुसार, सैन्य कार्रवाई इस तरह से की जा सकती है कि स्थिति को नियंत्रण में रखने की जिम्मेदारी भारत के पास रहे। इससे लंबे समय में मनचाहा असर होगा। यह जरूरी है कि भारत उस जगह पर वार करे जहां सबसे ज्यादा दर्द हो। जमीन, समुद्र और हवा में लगातार सैन्य गतिविधि शुरू की जा सकती है। इससे पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई करने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो जाएगी। इन कार्रवाइयों को सोच-समझकर करने से पाकिस्तान भारत के असली इरादों को लेकर अंदाज़ा लगाता रहेगा। इस दौरान पाकिस्तान की किसी भी गलती से भारत को खुलकर जवाब देने का मौका मिल जाएगा। अपनी सीमाओं के हर हालात की हो मुकम्मल जानकारीचीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार के साथ लगती सीमाओं पर मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए। आतंकवादी शिविरों पर हमला करने से पाकिस्तान को ज्यादा नुकसान नहीं होगा। क्योंकि वहां बुनियादी ढांचा कमजोर होता है और उन्हें जल्दी से खाली किया जा सकता है। यह सिर्फ अपनी ताकत दिखाने जैसा होगा। image आतंक को बढ़ावा देने वाला देश घोषित करेजेएस सोढ़ी के अनुसार, इन उपायों में पाकिस्तान को आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला देश घोषित करना, भारत की ओर से सैन्य या ग़ैर पारंपरिक कार्रवाई के खिलाफ किसी भी हस्तक्षेप को रोकने के लिए दुनिया का समर्थन हासिल करना, पश्चिमी देशों से पाकिस्तान को सैन्य आपूर्ति रोकना और पाकिस्तानी सेना के व्यवसायों की पहचान करना और उन्हें रोकना शामिल हो सकता है। F-16 और कच्चा तेल रुकवाना भारत के लिए जरूरीपाकिस्तान को कच्चे तेल की आपूर्ति रोकने के लिए रूस, सऊदी अरब और यूएई के साथ मिलकर काम करना चाहिए। अमेरिका से पाकिस्तान को विदेशी सैन्य सहायता योजना के तहत दिए गए सैन्य उपकरणों के इस्तेमाल पर सख्त नियंत्रण लगाने के लिए अमेरिका के साथ काम करना हाोगा। इसमें F-16 विमानों के रखरखाव के लिए हाल ही में दी गई 397 मिलियन डॉलर की मंज़ूरी को रोकना भी शामिल है। ISI के खिलाफ अभियान चलाए भारतएक्सपर्ट के मुताबिक, भारत को पाकिस्तानी सरकार और आतंकियों को ट्रेनिंग देने वाली उसकी खुफिया एजेंसी ISI के खिलाफ व्यापक अभियान चलाना चाहिए। मौजूदा आतंकवाद विरोधी ग्रिड में हजारों वर्दीधारी कर्मी और खुफिया एजेंसियां शामिल हैं। उनके तालमेल और तकनीकों को मजबूत करने की जरूरत है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल रास्तों का पता लगाने, आतंकियों की पहचान करने, उनके हैंडलर, आवाज के नमूने और स्थानीय समुदाय के भीतर संभावित समर्थकों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है।
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