अनूप पाण्डेय, हिसार: हरियाणा का छोटा-सा शहर हिसार जो अब धीरे-धीरे महानगर की शक्ल लेता जा रहा है। शहर के पश्चिमी छोर पर बसा एक मोहल्ला न्यू अग्रसेन कॉलोनी। इसकी तंग गलियों में मकान आपस में इस तरह से सटे हैं कि ख्वाब अक्सर सीमाओं से टकराकर लौट आते हैं। वहीं की रहने वाली ज्योति मल्होत्रा, बेहद गरीब परिवार की रहने वाली मल्होत्रा आज पूरे देश में चर्चाओं की सुर्खियों में बनी हुई है और आरोप है पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का। इस खबर के बाद कॉलोनी में मीडिया कर्मियों का आना-जाना लगा हुआ है, लेकिन यहां के पड़ोसियों की दीवारों ने खामोशी ओढ़ ली है। पड़ोस के लोग बहुत ज्यादा कुछ तो नहीं जानते हैं लेकिन जितना भी जानते हैं वह बोलने के लिए तैयार नहीं हैं। उनके मन में एक अज्ञात भय है कि देश के खिलाफ साजिश रचने के आरोप के छींटें कहीं उनके ऊपर न आ जाएं। ज्योति को नहीं जानते थे मगर अब तो सब जानते हैंहमारी गाड़ी ज्योति मल्होत्रा के घर से करीब 200 मीटर दूर रही होगी। हम उसके घर का पता पूछने के लिए कई लोगों से कोशिश करते रहे लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। बहुत हिम्मत जुटाकर एक चौक पर ताश खेल रहे कुछ लोगों से पूछा कि ज्योति मल्होत्रा का घर कहां है? उसमें से एक अधेड़ व्यक्ति ने बताया कि अगली गली में दाहिने मुड़ना है। हमने पूछा आप जानते हो ज्योति को? उस अधेड़ व्यक्ति ने जवाब दिया कि उसने काम ही ऐसा किया है कि उसे सब जानने लगे लेकिन पहले कोई नहीं जानता था। उसके चेहरे पर शर्म और गुस्सा का बराबर अनुपात में दिख रहा था। परिवार में ज्योति के अलावा हैं सिर्फ दो बुजुर्गज्योति के घर पहुंचने पर देखा कि पड़ोस के लोग खिड़कियों से आते-जाते लोगों को निहार रहे थे। ज्योति के घर का दरवाजा बंद था। बेल बजाने पर ज्योति के पिता ने दरवाजा खोला और परिचय सुनने के बाद बिना बोले बैठने का इशारा किया। लगभग 50 गज का ज्योति का मकान सोशल मीडिया पर दिख रही तस्वीरों से बिल्कुल मेल नहीं खाता है। ज्योति के पिता हरिश कुमार ने बताया कि वह पहले फर्नीचर पॉलिश का काम करते थे जो बहुत दिनों से छोड़ दिया है। इसके अलावा इस मकान में ज्योति के ताऊ कुशल सिंह रहते हैं जो बिजली बोर्ड में काम करते थे। वह मानसिक रुप से बीमार हैं। ज्योति की गिरफ्तारी के बाद इस मकान में सिर्फ ज्योति के पिता हरिश कुमार और उसके ताऊ कुशल सिंह ही हैं। उन्होंने बताया कि कुशल की पेंशन से घर का खर्च चलता है। तीन साल की उम्र में छोड़ कर चली गई थी मांज्योति के पिता हरिश ने बताया कि ज्योति जब लगभग 3 साल की रही होगी तभी उसकी मां से उनका तलाक हो गया। इसके बाद उसकी दादी ने उसका पालन-पोषण किया। लगभग वह 8वीं कक्षा में रही होगी कि उसकी दादी की तबीयत खराब हुई और उनकी मृत्यु हो गई। कुछ दिनों के लिए वह दिल्ली गई थी लेकिन कोविड के दौरान वापस चली आई। उसके पिता ने पूछने पर बताया कि हमें नहीं पता कि वह कितनी बार पाकिस्तान गई है। घर से वह जब भी बाहर जाती थी तो बताती थी कि मैं दिल्ली जा रही हूं। वह कहते हैं कि अगर पाकिस्तान गई भी होगी तो वैध तरीके से गई होगी। लग्जरी लाइफ के शौक ने गुनाहों की ओर मोड़ दिया जिंदगी का रास्तापाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ी गई मल्होत्रा बहुत ही तंगहाल घर की लड़की है। लेकिन लग्जरी लाइफ जीने के शौक ने उसे देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर कर दिया। सोशल मीडिया की तस्वीरों और लैविश लाइफ का स्टेटस उसके घर के हालात देखकर मेल नहीं खाता है। उनके एक करीबी दोस्त ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि करीब 14 साल पहले कोचिंग इंस्टिट्यूट में बतौर रिसेप्शनिस्ट जॉइन किया था। रिसेप्शनिस्ट की नौकरी छोड़ने के बाद हिसार से 20 किमी दूर एक निजी स्कूल में पढ़ाने लगी। वहां भी कुछ ही समय काम किया और फिर एक प्राइवेट ऑफिस में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम शुरू कर दिया। उनके पिता का कहना है बेटी पढ़ाई के कुछ समय बाद ही नौकरी करने लगी थी। वह ज्यादा वक्त दिल्ली में रहती है और हिसार कम आती थी। ज्योति मल्होत्रा साल 2018 को अपना पासपोर्ट बनवाया था। इसके बाद तीन बार पाकिस्तान यात्रा कर चुकी है। वहां लाहौर समेत कई स्थानों की यात्रा की। वहां से जुड़े ट्रैवल ब्लॉग और विडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाले हैं।
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