इतिहास में कई बार देखा गया है कि पाकिस्तान अमेरिका की चमचागिरी करने के मौके ढूंढ़ते रहता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ लेकिन पाकिस्तान ने अपनी बेइज्जती करवा ली। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की देखा-देखी करते हुए पाकिस्तान ने Bitcoin का रिजर्व बनाने की घोषणा तो बड़े जोरो-शोरों से कर दी थी लेकिन जब उनके खुद के मंत्रालय ने इस योजना पर पानी फेर दिया। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों ही बिटकॉइन का स्ट्रैटेजिक रिजर्व बनाने के लिए एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए थे।
क्या है मामला?अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा बिटकॉइन रिजर्व बनाए जाने की घोषणा के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन पर स्पेशल असिस्टेंट बिलाल बिन साकिब ने भी अमेरिका को खुश करने के लिए पाकिस्तान में बिटकॉइन रिजर्व बनाने की घोषणा कर दी थी। पैसे-पैसे को मोहताज पाकिस्तान ने बिटकॉइन माइनिंग और AI डेटा सेंटर्स के लिए 2,000 MW की अतिपिक्त बिजली उपलब्ध कराने के वादे भी कर दिए गए थे। इसके अलावा एक क्रिप्टो काउंसिल का गठन करते हुए साकिब ने बताया था कि बिटकॉइन रिजर्व के लिए बिटकॉइन वॉलेट बनाया जाएगा और यह सरकार की कस्टडी में ही रहेगा। कहने का मतलब था कि अमेरिकी ऑर्डर की तरह ही इस रिजर्व में शामिल बिटकॉइन की बिक्री नहीं की जाएगी।
कहां कराई बेइज्जतीइतने बड़े-बड़े दावे करने वाले पाकिस्तान के बिटकॉइन रिजर्व पर उनकी ही सरकार ने पानी फेर दिया। दरअसल बिटकॉइन रिजर्व पर लंबी-चौड़ी शेखी बखारने के बाद स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान और पाकिस्तान की मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस ने साफ किया कि उनके यहां क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी ट्रांजैक्शंस गैर कानूनी हैं। इससे संबंधित रिपोर्ट्स में बताया गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने पाकिस्तानी के प्रधानमंत्री और साकिब को सूचित किया है कि उनके देश में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े ट्रांजैक्शन गैर-कानूनी हैं। इसके बाद दुनियाभर में एक बार फिर यह साफ हो गया कि किसी बड़ी योजना को लाने या उसकी घोषणा करने से पहले पाकिस्तान की सरकार कितना काम करती है। नेशनल असेंबली की फाइनेंस और रेवेन्यू पर स्टैंडिंग कमेटी के हालिया सेशन में फाइनेंस सेक्रेटरी इम्दादुल्लाह बोसल ने खुलासा किया कि भले ही डिजिटल एसेट्स को बढ़ावा देने के मकसद से हाल ही में एक क्रिप्टो काउंसिल का गठन किया गया हो, लेकिन मौजूदा नियमों के तहत क्रिप्टोकरेंसी पर अब भी सख्त प्रतिबंध लागू है।
ट्रंप क्या करने वाले हैंइस साल मार्च में ट्रंप ने बिटकॉइन का स्ट्रैटेजिक रिजर्व बनाने के ऑर्डर पास किए थे। इसमें बताया गया था कि क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए न तो टैक्सपेयर्स के पैसों का इस्तेमाल होगा और न ही स्ट्रैटेजिक रिजर्व में जमा किए गए बिटकॉइन को बेचा जाएगा। ट्रंप के ऑर्डर के मुताबिक अमेरिका बिटकॉइन की सप्लाई के एक बड़े हिस्से को चलन से बाहर करने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी सरकार के पास 1,98,000 से ज्यादा बिटकॉइन हैं। इनकी कीमत 21.2 अरब डॉलर है।
क्या है मामला?अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा बिटकॉइन रिजर्व बनाए जाने की घोषणा के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन पर स्पेशल असिस्टेंट बिलाल बिन साकिब ने भी अमेरिका को खुश करने के लिए पाकिस्तान में बिटकॉइन रिजर्व बनाने की घोषणा कर दी थी। पैसे-पैसे को मोहताज पाकिस्तान ने बिटकॉइन माइनिंग और AI डेटा सेंटर्स के लिए 2,000 MW की अतिपिक्त बिजली उपलब्ध कराने के वादे भी कर दिए गए थे। इसके अलावा एक क्रिप्टो काउंसिल का गठन करते हुए साकिब ने बताया था कि बिटकॉइन रिजर्व के लिए बिटकॉइन वॉलेट बनाया जाएगा और यह सरकार की कस्टडी में ही रहेगा। कहने का मतलब था कि अमेरिकी ऑर्डर की तरह ही इस रिजर्व में शामिल बिटकॉइन की बिक्री नहीं की जाएगी।
कहां कराई बेइज्जतीइतने बड़े-बड़े दावे करने वाले पाकिस्तान के बिटकॉइन रिजर्व पर उनकी ही सरकार ने पानी फेर दिया। दरअसल बिटकॉइन रिजर्व पर लंबी-चौड़ी शेखी बखारने के बाद स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान और पाकिस्तान की मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस ने साफ किया कि उनके यहां क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी ट्रांजैक्शंस गैर कानूनी हैं। इससे संबंधित रिपोर्ट्स में बताया गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने पाकिस्तानी के प्रधानमंत्री और साकिब को सूचित किया है कि उनके देश में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े ट्रांजैक्शन गैर-कानूनी हैं। इसके बाद दुनियाभर में एक बार फिर यह साफ हो गया कि किसी बड़ी योजना को लाने या उसकी घोषणा करने से पहले पाकिस्तान की सरकार कितना काम करती है। नेशनल असेंबली की फाइनेंस और रेवेन्यू पर स्टैंडिंग कमेटी के हालिया सेशन में फाइनेंस सेक्रेटरी इम्दादुल्लाह बोसल ने खुलासा किया कि भले ही डिजिटल एसेट्स को बढ़ावा देने के मकसद से हाल ही में एक क्रिप्टो काउंसिल का गठन किया गया हो, लेकिन मौजूदा नियमों के तहत क्रिप्टोकरेंसी पर अब भी सख्त प्रतिबंध लागू है।
ट्रंप क्या करने वाले हैंइस साल मार्च में ट्रंप ने बिटकॉइन का स्ट्रैटेजिक रिजर्व बनाने के ऑर्डर पास किए थे। इसमें बताया गया था कि क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए न तो टैक्सपेयर्स के पैसों का इस्तेमाल होगा और न ही स्ट्रैटेजिक रिजर्व में जमा किए गए बिटकॉइन को बेचा जाएगा। ट्रंप के ऑर्डर के मुताबिक अमेरिका बिटकॉइन की सप्लाई के एक बड़े हिस्से को चलन से बाहर करने वाला है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी सरकार के पास 1,98,000 से ज्यादा बिटकॉइन हैं। इनकी कीमत 21.2 अरब डॉलर है।
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