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राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी हुई ठप! मजदूरों का पलायन बन रहा बड़ी चुनौती

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अनिल सिंह, बांदा: बुंदेलखंड के चित्रकूट मंडल में राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी की प्रक्रिया ठहर सी गई है। जनवरी 2025 तक यह आंकड़ा 75 प्रतिशत तक पहुंच चुका था, लेकिन इसके बाद बीते दो महीनों में केवल तीन प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हो सकी है और अब यह 78 प्रतिशत पर अटक गया है। मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि बड़ी संख्या में कार्ड धारक मजदूरी या कामकाज के सिलसिले में दिल्ली, हरियाणा, सूरत जैसे शहरों में रह रहे हैं, जिससे उनकी ई-केवाईसी कराना मुश्किल हो रहा है। विभाग द्वारा कोटेदारों को कई बार निर्देश दिए गए कि वे घर-घर जाकर केवाईसी करवाएं, लेकिन इसके बावजूद भी वांछित प्रगति नहीं हो सकी है। अब विभाग ने ई-केवाईसी की अंतिम तिथि जून माह तक बढ़ा दी है। यह प्रक्रिया पिछले साल जून से शुरू की गई थी। मंडल के चारों जिलों में आंकड़ों की स्थितिमंडल के कुल 9,75,184 राशन कार्डों में 38,69,414 लाभार्थी सदस्य पंजीकृत हैं, जिनमें से अब तक 30,30,500 की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है। हालांकि अब भी 8,38,914 लोगों की केवाईसी बाकी है। बांदा में 13,63,559 सदस्यों में से 10,71,778 की ई-केवाईसी पूरी, 2,91,781 शेष इसी तरह चित्रकूट में 8,34,681 में से 6,51,223 की ई-केवाईसी, 1,83,458 बाकी है।इसी तरह हमीरपुर में 9,34,894 में से 7,37,197 की ई-केवाईसी, 1,97,697 शेष और महोबा में 7,36,280 में से 5,70,302 की ई-केवाईसी और1,65,978 अब भी शेष है। फर्जीवाड़ा रोकने के लिए हुई सख्तीशासन ने राशन कार्ड के जरिए फर्जी लाभ लेने, मृत व्यक्तियों के नाम पर राशन वितरण जैसी अनियमितताओं को रोकने के लिए ई-केवाईसी को अनिवार्य किया है। इसके तहत जून 2024 से ई-पॉस मशीनों के जरिए प्रक्रिया शुरू की गई थी। कोटेदारों ने घर-घर जाकर भी ई-केवाईसी कराने का प्रयास किया, लेकिन अब भी लाखों लोग प्रक्रिया से वंचित हैं। बिना केवाईसी नहीं मिलेगा राशनजिला पूर्ति अधिकारी उबैदुर्रहमान ने बताया कि सबसे ज्यादा दिक्कत उन लाभार्थियों की आ रही है जो अन्य राज्यों में काम के लिए गए हुए हैं। उनके परिवार वालों से कहा गया है कि वे जून तक उनकी ई-केवाईसी करा लें, अन्यथा संबंधित सदस्यों को राशन कार्ड से हटाया जा सकता है और राशन वितरण भी रोक दिया जाएगा।
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