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परिवार में थे 13 लोग अब सिर्फ 5 ही बचे हैं, पल भर में कई जिंदगियां हो गईं खत्म

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नई दिल्ली : दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शनिवार तड़के एक चार मंजिला इमारत ढहने से 11 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में तहसीन का परिवार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। तहसीन के परिवार में कुल 13 लोग थे, लेकिन हादसे के बाद परिवार में सिर्फ पांच लोग बचे हैं। इनमें तसहीन की बड़ी बहू साहिबा, उनके तीन बच्चे और देवर चांद है। साहिबा ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार के घर शादी थी। जिसके लिए वह तीनों बच्चों के साथ एक दिन पहले ही घर से चली गई थीं। उन्हें दो दिन बाद लौटना था। परिवार में कमाने वाला एक ही बचाहादसे की सूचना मिली तो वह तुरंत लौट आई। यहां आकर देखा तो उनका घर जमींदोज हो चुका था। साहिबा ने बताया कि उनके ससुर हाजी तहसीन, देवरानी चांदनी, नजीम, सायना, नजीम के तीन बच्चे और नाना इसहाक की मौत हो गई है। परिवार में कमाने वाले सिर्फ उनके देवर मोहम्मद चांद बचे हैं। साहिबा ने बताया कि उनके परिवार को अब शुरू से सब कुछ शुरू करना पड़ेगा। पड़ोसी मोहम्मद अफजल ने बताया कि तहसीन और उनका एक बेटा कबाड़ का काम करते थे शुरुआत में इमारत में सिर्फ दो मंजिलें थीं, लेकिन 7-8 साल पहले उन्होंने दो और मंजिलें खड़ी कर दी। इस हादसे में तहसीन की पत्नी और एक बेटे की जान बच गई। एक अन्य बेटे चांद ने इमारत गिरने के दौरान तेजी से अपने परिवार को आगाह किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। रात 11 बजे हुई थी बातवसीम की बहन चांदनी की शादी चंद से हुई थी। वसीम ने बताया कि शुक्रवार रात 11 बजे उनकी चांदनी से आखिरी बार बात हुई थी तब सब कुछ नॉर्मल लग रहा था। घटना की खबर मिलते ही उनकी जिंदगी पलट गई। हम पहले ही आस मोहम्मद को नॉर्थ ईस्ट दंगों में खो चुके थे। इसहाक भी तहसीन के पोते-पोतियों से मिलने आए थे, जो इस हादसे में चल बसे। शादी के लिए परिवार देख रहा था लड़की हादसे में किराएदार शाहिद अहमद ने अपने दो बेटों को खो दिया। उनके परिवार के बाकी दो लोग अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती है। अस्पताल में भर्ती शाहिद अहमद और रिहाना खातून जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे हैं। जबकि 19 साल की नेहा को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। परिवार में कोई कमाने वाला नहीं बचा है। हादसे की सूचना मिलने के बाद अस्पताल पहुंचे रिहाना के भाई शहजाद अहमद ने बताया कि उसके रिश्तेदार शाहिद अहमद अपने परिवार के साथ इस इमारत में किराए पर रहते थे। वह मूलतः धामपुर, बिजनौर, उत्तर प्रदेश का रहने वाले हैं। शाहिद के परिवार में पत्नी रिहाना, बेटा दानिश, नावेद और बेटी नेहा परवीन शामिल हैं। मलबे से बाहर निकाल अस्पताल पहुंचायाशहजाद ने बताया कि हादसे की सूचना उनके रिश्तेदारों ने उन्हें दी। जिसके बाद वह सीधा यहां पहुंचे। पूछताछ में पता चला कि हादसे के करीब 30 मिनट बाद ही रिहाना और उनके परिवार को मलबे से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचा दिया गया, जहां दानिश और नावेद की मौत हो गई। शाहिद को अभी तक होश नहीं आया है। उनकी सर्जरी की गई है जबकि रिहाना होश में हैं, लेकिन चोट बहुत लगी हुई है। रिहाना को अभी तक बेटों की मौत की बात बताई नहीं गई है।शहजाद अहमद ने बताया कि दानिश परिवार का बड़ा बेटा था और उसकी शादी के लिए पिछले छह माह से लड़की की तलाश की जा रही थी। परिवार जल्द ही उसकी शादी करना चाहता था, क्योंकि शाहिद की तबीयत खराब रहती थी और वह देख नहीं सकते थे। ऐसे में परिवार दानिश और नेहा की शादी जल्द करना चाहता था। दानिश अपने घर में अकेले कमाने वाले थे। नावेद 9वीं क्लास में था और नेहा घर में रहती थीं।
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