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पाकिस्तान को FATF ग्रे लिस्ट में क्यों डालना चाहता है भारत, जानें क्या है ये सूची, कैसे बिना हमले के ही टूट जाएगी पाक की कमर

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इस्लामाबाद: भारत की ओर से पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर शिकंजा कसने के लिए कदम उठाए गए हैं। भारत ने पाकिस्तान से द्विपक्षीय स्तर पर कई समझौते खत्म किए हैं। इसके अलावा भारत की ओर से पाकिस्तान को FATF ग्रे लिस्ट में शामिल कराने की कोशिश भी शुरू हो गई है। भारत अगर पाकिस्तान को FATF ग्रे लिस्ट में शामिल कराने में कामयाब रहता है तो ये पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका होगा। इससे दुनिया में पाकिस्तान की छवि को धक्का लगने के साथ ही उसकी अर्थव्यवस्था को भी नुकसान उठाना पड़ेगा।फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, FATF यानी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को 1989 में बनाया गया था। उस समय G-7 की बैठक में FATF के गठन का मकसद पैसे की हेराफेरी रोकना था। साल 2001 में अमेरिका में 9/11 के हमले के बाद FATF आतंकियों को मिलने वाले पैसे पर नजर रखने लगा। इसके बाद हथियारों की तस्करी, संपत्ति को छुपाना और वर्चुअल एसेट्स (जैसे क्रिप्टोकरेंसी) से जुड़ी गतिविधियां भी इसकी निगरानी में आ गईं। FATF की ग्रे और ब्लैक लिस्ट FATF में फिलहाल 37 देश और दो क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं। यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद भी इसके सदस्य हैं। भारत साल 2006 में FATF में 'ऑब्जर्वर' के तौर पर शामिल हुआ और 2010 में इसका पूर्ण सदस्य बना। FATF का फैसला लेने वाला निकाय प्लेनरी साल में तीन बार मीटिंग करता है। ये बैठकें फरवरी, जून और अक्टूबर में होती हैं। इनमें सदस्य देश एक-दूसरे के कामकाज की समीक्षा करते हैं, जिसे म्यूचुअल इवैल्यूएशन रिपोर्ट कहा जाता है। इन रिपोर्ट्स के आधार पर किसी देश को ग्रे लिस्ट या ब्लैक लिस्ट में डाला जाता है।FATF की ग्रे लिस्ट में किसी देश को डाला जाता है तो इसका मतलब है कि उस देश में पैसे की हेराफेरी और आतंकवाद को रोकने के लिए जो नियम हैं, उनमें कमियां हैं। इस लिस्ट में शामिल होने का मतलब है कि वह देश ब्लैक लिस्ट में भी जा सकता है। ब्लैक लिस्ट में उन देशों को डाला जाता है, जो आतंकवाद को फंडिग और हेराफेरी करते हैं। ब्लैक लिस्ट में शामिल देशों को 'नॉन-कोऑपरेटिव कंट्रीज ऑर टेरिटरीज' भी कहा जाता है। ग्रे लिस्ट में होने से क्या होगा असरFATF के पूर्व अध्यक्ष टी राजा कुमार का कहना है कि ग्रे लिस्ट में शामिल करना किसी देश को सजा देना नहीं है। इसका मकसद उन देशों की मदद करना है, जिनमें कुछ कमियां हैं। इस प्रक्रिया में उन देशों को यह पहचानने में मदद की जाती है कि कमियां कहां हैं। इसके बाद एक योजना पर काम किया जाता है और अगर वे उस योजना को ठीक से लागू करते हैं तो उन्हें ग्रे लिस्ट से हटा दिया जा सकता है।FATF की ग्रे लिस्ट को भले ही एक्सपर्ट सजा की तरह ना मानें लेकिन इसमें आने वाले देश की अर्थव्यवस्था और वित्तीय सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है। ग्रे लिस्ट में शामिल देशों पर वित्तीय मामलों में ज्यादा निगरानी रखी जाती है। इससे उन्हें इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF), वर्ल्ड बैंक और एशियाई विकास बैंक (ADB) जैसे संगठनों से लोन लेने में दिक्कत होती है। ऐसे देशों में निवेश और व्यापार भी प्रभावित होता है। IMF ने 2021 की एक स्टडी में पाया था कि ग्रे लिस्ट में शामिल देशों में विदेशी निवेश औसतन तीन प्रतिशत कम होता है और पोर्टफोलियो निवेश में औसतन 2.9 प्रतिशत की गिरावट आती है। पाकिस्तान और FATFपाकिस्तान का FATF की ग्रे लिस्ट से पुराना नाता रहा है। वह इस लिस्ट में आता-जाता रहा है। पाकिस्तान को पहली बार 2008 में इस लिस्ट में डाला गया था। एक साल बाद 2009 में वह इससे बाहर आ गया। इसके तीन साल बाद 2012 में फिर पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में आया और 2015 तक इसमें रहा। इसके बाद 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला गया। इसके बाद 2022 में पाकिस्तान को FATF की लिस्ट से हटाया गया।पहलगाम हमले के बाद भारत फिर से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने की कोशिश में है। हालांकि भारत के लिए पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में पहुंचाना आसान नहीं है। इसके लिए भारत को दूसरे FATF सदस्य देशों का समर्थन चाहिए होगा। ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय आयोग और सऊदी अरब और यूएई जैसे खाड़ी देशों ने पहलगाम हमले पर दुख जताया है लेकिन इसे ग्रे लिस्ट में भारत के लिए सहयोग से जोड़ना जल्दीबाजी होगी। IMF से मिलती रही है पाक को मददपाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में लाने के पीछे भारत उम्मीद कर रहा है कि इससे इस्लामाबाद को IMF जैसे संस्थानों से मदद मिलना मुश्किल हो जाएगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि IMF की मदद के बिना पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी और वह आतंक की फंडिग रोक देगा। पाकिस्तान को IMF से लगातार मदद मिलती रही है। बीते साल सितंबर में ही पाकिस्तान को IMF से 7 अरब डॉलर का लोन मिला है।
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