मुंबई – कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया और समाचार एजेंसियों को किसी भी सैन्य हलचल या सैन्य ऑपरेशन का लाइव कवरेज दिखाने पर रोक लगा दी गई है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार, सेना के जवानों की आवाजाही, आतंकवाद विरोधी अभियानों और सीमा क्षेत्र में दुश्मन देश से भिड़ने के लिए चल रही तैयारियों समेत किसी भी घटना का रियल टाइम लाइव कवरेज न दिखाने और जिम्मेदारी व संयम के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने की सलाह दी गई है।
2008 में मुंबई में हुए विनाशकारी 26/11 आतंकवादी हमलों के दौरान, टीवी समाचार चैनलों को लाइव कवरेज दिखाने के परिणाम भुगतने पड़े। इस लाइव कवरेज के आधार पर, पाकिस्तान स्थित आतंकवादी नेता आतंकवादियों को मुंबई में खाद्यान्न की कमी के बारे में पल-पल की जानकारी दे रहे थे और उन्हें तैनात पुलिस और सुरक्षा बलों के बारे में सतर्क कर रहे थे। इससे पहले कारगिल युद्ध के दौरान भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की लाइव कवरेज के कारण भारत को नुकसान उठाना पड़ा था। मीडिया को इस संबंध में संयम बरतने की सलाह दी गई है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सभी टीवी चैनल। चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम 6(1)(पी) का अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है।
The post first appeared on .
You may also like
इतिहास के पन्नों में 13 मईः स्वतंत्र भारत ने पहली बार 1952 में दोनों सदनों के सत्र में देखी अपनी संसद
अभिनेता सुनील शेट्टी ने संघर्ष के दिनों को किया याद
पाकिस्तानी एक्ट्रेस और हर्षवर्धन राणे के बीच विवाद बढ़ा
सामदेई पहाड़ी पर मिला युवक का शव, हत्या की आशंका
अमेरिका और चीन के बीच 90 दिनों तक रुक गई ट्रेड वॉर, चीन पर लगाया गया 145% टैरिफ हुआ कम, अमेरिका को भी राहत