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पहलगाम आतंकी हमला: यह दुष्ट देश आतंकवादियों को धन मुहैया कराता

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22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान और उसकी आतंकवाद को समर्थन देने की नीतियां एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई हैं। भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को बेनकाब किया है।

 

संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक यात्रा के दौरान आतंकवाद को समर्थन और वित्त पोषण करने की बात स्वीकार की है। पूरी दुनिया ने देखा कि आसिफ ने आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्तपोषण देने की बात कबूल की।

 

 

पहलगाम आतंकवादी हमले में 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे अधिक मौतें हुईं।

 

उन्होंने कहा कि ख्वाजा आसिफ के इस कबूलनामे से किसी को आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि पाकिस्तान एक दुष्ट राष्ट्र है जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देता है और क्षेत्र को अस्थिर करता है। विश्व अब इस खतरे की ओर से आंखें मूंदकर नहीं रह सकता।

आसिफ ने आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्तपोषण देने की बात कबूल की।

 

पटेल ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले में 2008 के मुंबई हमलों के बाद सबसे अधिक मौतें हुई हैं। दशकों से सीमापार आतंकवाद का शिकार होने के कारण भारत इस तरह के हमलों से पीड़ितों पर पड़ने वाले प्रभाव को अच्छी तरह समझता है।

उन्होंने कहा कि भारत पहलगाम हमले के बाद दुनिया भर के देशों और उनके नेताओं से मिले समर्थन की सराहना करता है। यह आतंकवाद के प्रति अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की शून्य सहनशीलता नीति का प्रमाण है। हम किसी भी रूप में आतंकवाद की निंदा करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद विरोधी बैठक को संबोधित करते हुए योजना पटेल ने भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने और बेतुके आरोप लगाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग करने के लिए पाकिस्तान की निंदा की।

ख्वाजा आसिफ ने क्या कहा?

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने एक साक्षात्कार में स्वीकार किया कि पाकिस्तान का आतंकवाद को समर्थन देने और आतंकवादियों को वित्त पोषण देने का लंबा इतिहास रहा है। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हम 30 साल से अमेरिका के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं।

भारत के साथ सम्पूर्ण युद्ध की बात करने वाले ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा का खात्मा हो चुका है। ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया कि सेना के अतीत में पाकिस्तान के साथ कुछ संबंध रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब यह आतंकवादी संगठन खत्म हो चुका है।

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