अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। दौरे की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और दौरे की तारीखें भी घोषित कर दी गई हैं। इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगी। यह घोषणा अमरनाथ श्राइन बोर्ड और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने की है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के एक प्रवक्ता ने कहा कि दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर की 38 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी।
अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की 48वीं बोर्ड बैठक
अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई को अनंतनाग जिले के पहलगाम और गंदेरबल जिले के बालटाल दोनों मार्गों से एक साथ शुरू होगी और नौ अगस्त को रक्षाबंधन के दिन संपन्न होगी। प्रवक्ता ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बैठक में जम्मू, श्रीनगर और अन्य स्थानों पर केंद्रों पर आवास की क्षमता बढ़ाने, ई-केवाईसी के लिए तीर्थयात्री सुविधा केंद्रों का संचालन, आरएफआईडी कार्ड जारी करने, नौगाम और कटरा रेलवे स्टेशनों सहित कई स्थानों पर तीर्थयात्रियों का ऑन-साइट पंजीकरण करने के उपायों पर चर्चा की गई। पवित्र अमरनाथ गुफा जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में लगभग 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। अमरनाथ पर्वत पर स्थित यह गुफा श्रीनगर से 140 किलोमीटर दूर दक्षिण कश्मीर में है। इसके अलावा, बालटाल से इस पवित्र गुफा की दूरी 16 किलोमीटर है। पहलगाम से पवित्र गुफा की दूरी 45-47 किलोमीटर है।
बर्फीले पहाड़ और बर्फ की चादरें
अमरनाथ गुफा जम्मू और कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में स्थित है। यह गुफा बर्फीले पहाड़ों और बर्फ की चादरों से घिरी हुई है। यहां तक कि गर्मियों के मौसम में भी, कुछ दिनों को छोड़कर, बाकी समय यह गुफा बर्फ से ढकी रहती है। खास बात यह है कि इस गुफा में हर साल प्राकृतिक शिवलिंग बनता है। इस पवित्र गुफा में ऊपर से पानी की बूंदें टपकती रहती हैं, जिससे बाबा बर्फा का शिवलिंग बनता है। दरअसल, अत्यधिक ठंड के कारण पानी की बूंदें जम जाती हैं और शिवलिंग का आकार ले लेती हैं। ऐसा माना जाता है कि यह शिवलिंग चंद्रमा की रोशनी से बढ़ता और सिकुड़ता है। अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। दौरे की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और दौरे की तारीखें भी घोषित कर दी गई हैं। इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगी। यह घोषणा अमरनाथ श्राइन बोर्ड और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने की है।
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