वॉशिंगटन : डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को एक बार फिर अमेरिकी अदालतों से बड़ा झटका लगा है। एक अमेरिकी अदालत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा शुरू किए गए लिबरेशन डे टैरिफ को निलंबित कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मैनहट्टन संघीय अदालत ने यह फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। अदालत ने यह भी कहा कि उन्होंने अमेरिकी संविधान के विरुद्ध कदम उठाया है।
ट्रम्प ने मार्च में उन देशों पर भी इसी प्रकार के कर लगाने का आदेश दिया था जो अमेरिकी वस्तुओं पर उच्च कर लगाते हैं। उन्होंने इस निर्णय को मुक्ति दिवस कर घोषित किया था। 2 अप्रैल 2025 को ट्रम्प ने कई देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की। लेकिन उनके इस फैसले से दुनिया भर में हलचल मच गई। कई अमेरिकी व्यवसायी अदालत चले गये थे।
न्यायालय का फैसला
इसके बाद इस याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने डोनाल्ड ट्रम्प के फैसले पर रोक लगा दी। अदालत ने कहा कि अमेरिकी संविधान के तहत, विदेश व्यापार नीति निर्धारित करने का अधिकार केवल अमेरिकी कांग्रेस को है, राष्ट्रपति को नहीं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह मामला राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों के अंतर्गत नहीं आता है।
ट्रम्प ने अंतर्राष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (आईईईपीए) के तहत भी टैरिफ लगाया है। लेकिन यह कानून राष्ट्रपति को असीमित शक्तियां नहीं देता। न्यायालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्वारा असीमित शुल्क लगाने का निर्णय कानून के अधिकार से परे है। ट्रम्प ने अवैध टैरिफ लगाया है।
ट्रम्प प्रशासन का स्पष्टीकरणट्रम्प प्रशासन ने अपने निर्णय की व्याख्या करते हुए रिचर्ड निक्सन के 1917 के निर्णय का हवाला दिया। उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति ने आपातकाल के तहत यह कर लगाया था। प्रशासन ने कहा कि अदालत के पास आपातकाल की वैधता निर्धारित करने का अधिकार नहीं है। यह अधिकार कांग्रेस का है। लेकिन कोर्ट ने ट्रंप प्रशान की इस दलील को खारिज कर दिया है।
छोटे अमेरिकी व्यवसायों के एक समूह और 12 डेमोक्रेटिक राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने ट्रम्प के फैसले के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। इन दोनों समूहों ने एक याचिका दायर कर तर्क दिया है कि ट्रम्प का वैश्विक कर लगाना IEEPA अधिनियम के तहत उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
ट्रम्प प्रशासन के लिबरेशन फेडरल डे टैरिफ निर्णय को संघीय सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट जाएगा। यह पहली बार नहीं है जब किसी अमेरिकी संघीय अदालत ने ट्रम्प की कर वृद्धि को अवैध घोषित किया है। फिलहाल सबका ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि डोनाल्ड ट्रंप इस पर क्या फैसला लेंगे।
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