उत्तर प्रदेश समाचार : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाईवे और एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ-साथ रेलवे नेटवर्क को भी मजबूती दी जा रही है। इसी क्रम में, गौतम बुद्ध नगर के जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी तेजी से अंतिम चरण में पहुंच रहा है। इस एयरपोर्ट का उद्घाटन इस महीने के अंत में होने की संभावना है। UPEIDA, यानी उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, ने यातायात की समस्याओं को सुलझाने और यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्रदान करने के लिए एक विशेष योजना बनाई है। इस योजना का उद्देश्य एयरपोर्ट के उद्घाटन के बाद यातायात के दबाव को संभालना है।
नए ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण
54 गांवों से जुड़ेगा नया एक्सप्रेसवे
प्राधिकरण ने 74.3 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे का एलाइनमेंट तैयार किया है, जो नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सीधे गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। यमुना प्राधिकरण ने इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी किया है। यह एक्सप्रेसवे बुलंदशहर जिले के 45 गांवों और गौतम बुद्ध नगर के 9 गांवों की भूमि पर बनाया जाएगा। इससे एयरपोर्ट को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों तक पहुंच आसान होगी।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया
प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि यह लिंक एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे से बुलंदशहर जिले के सियाना क्षेत्र से 44.3 किलोमीटर की दूरी पर शुरू होकर यमुना एक्सप्रेसवे के 24.8 किलोमीटर यानी फिल्म सिटी सेक्टर-21 से जुड़ेगा। पुराने डिजाइन में एलाइनमेंट सेक्टरों के बीच से गुजरता था, लेकिन नए डिजाइन में एक्सप्रेसवे को यमुना सिटी के किसी भी सेक्टर को काटे बिना बनाया गया है। इस लिंक एक्सप्रेसवे की पूर्ववर्ती लंबाई 83 किलोमीटर थी, लेकिन अब यह 74.3 किलोमीटर है।
भूमि अधिग्रहण की लागत
9 गांवों में भूमि अधिग्रहण
यह परियोजना विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए फायदेमंद होगी जो दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी यूपी और आस-पास के राज्यों से नोएडा एयरपोर्ट का उपयोग करेंगे। बुलंदशहर के सियाना, शिकारपुर और खुर्जा तहसील के गांव भी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में शामिल हैं। गौतम बुद्ध नगर के 9 गांवों में भूमि अधिग्रहण की सूची बनाई गई है।
प्रोजेक्ट की लागत और लाभ
लगभग चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, इस लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण पर लगभग चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह परियोजना देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे नेटवर्क को एयरपोर्ट से जोड़ने के अलावा औद्योगिक विकास, रियल एस्टेट क्षेत्र और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी। इस मार्ग के बनते ही आसपास के क्षेत्रों में संपत्ति की कीमतें बढ़ सकती हैं और छोटे कस्बों से प्रमुख शहरों तक सीधा संपर्क स्थापित होगा। योगी सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से उत्तर प्रदेश को लॉजिस्टिक्स हब बनाने में भी मदद मिलेगी। एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार राज्य में माल और यात्रियों की आवाजाही को तेज करेगा, जिससे व्यापार और पर्यटन क्षेत्रों में नए अवसर खुलेंगे।
You may also like
Travel Tips: जाना चाहते हैं घूमने और बजट हैं कम तो फिर पहुंच जाएं आप भी इन जगहों पर
Union Bank Recruitment 2025: 500 स्पेशल ऑफिसर पदों पर निकली भर्ती, 20 मई तक करें आवेदन
जबलपुर में स्नैपचैट पर दोस्ती कर नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, मामला दर्ज
औरतों की इन चीजों से सबसे ज्यादा आकर्षित होते हैं मर्द. क्या आपको पता था ? 〥
रूह अफजा मामले में विवादित बयान के लिए बाबा रामदेव को दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई फटकार