Next Story
Newszop

भगवान परशुराम की सोच का महत्व: महापौर प्रवीण बत्रा जोशी का संदेश

Send Push
भगवान परशुराम के जीवन से प्रेरणा लें
  • भगवान परशुराम के जीवन से प्रेरणा लें, उनके दिखाएं मार्ग का करें अनुसरण : वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी शर्मा
  • सेक्टर-12 स्थित अधिवक्ताओं ने मनाया भगवान परशुराम का जन्मोत्सव

(फरीदाबाद) जिला बार एसोसिएशन द्वारा भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाने का आयोजन किया गया। इस अवसर पर, ऑपरेशन सिंदूर के तहत देश की सीमाओं की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की आत्मा की शांति के लिए हवन यज्ञ का आयोजन भी किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के राजस्व मंत्री विपुल गोयल, हरियाणा पंजाब बार काउंसिल के पूर्व वाइस चेयरमैन ओपी शर्मा, पूर्व मंत्री सीमा त्रिखा और पूर्व विधायक पंडित टेकचंद शर्मा सहित अन्य अधिवक्ताओं ने भाग लिया।


कार्यक्रम की अध्यक्षता ओपी शर्मा ने की, जबकि मंच का संचालन अधिवक्ता ओमदत्त शर्मा ने किया। महापौर प्रवीण बत्रा जोशी का स्वागत अधिवक्ता संतराम शर्मा, पूर्व प्रधान के पी तेवतिया, और अन्य ने पुष्प गुच्छ भेंट कर किया।


कार्यक्रम में पूर्व मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा के भाई पं. टिपर चंद शर्मा और भाजपा प्रवक्ता विजय शर्मा भी उपस्थित थे। महापौर ने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान परशुराम की सोच समाज में समान न्याय की आवश्यकता को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि भगवान परशुराम ने न्याय दिलाने के लिए शास्त्र और शास्त्र दोनों का उपयोग किया।


भगवान परशुराम की सोच की आवश्यकता

महापौर ने कहा कि आज के समय में भगवान परशुराम की सोच की अत्यंत आवश्यकता है। शासकों को चाहिए कि वे दुष्टों को पहले शास्त्र के अनुसार समझाएं और यदि आवश्यक हो तो शास्त्र से समझाएं। उनका इशारा पाकिस्तान की ओर था। ओपी शर्मा ने कहा कि इतिहास में ऐसा कोई व्यक्तित्व नहीं है जो अन्याय के खिलाफ जीवनभर लड़ता रहा हो।


उन्होंने अधिवक्ताओं से आह्वान किया कि वे भगवान परशुराम के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करें और अन्याय का प्रतिकार करें।


कार्यक्रम में अधिवक्ता दिनेश भारद्वाज, बृजमोहन शर्मा, अनुज शर्मा, और महिला अधिवक्ताओं में ललिता यादव, रंजना शर्मा, और सुधा शर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित थीं।


Loving Newspoint? Download the app now