इंटरनेट डेस्क। न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने आज भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। बता दें कि न्यायमूर्ति को राष्ट्रपति ने शपथ दिलाई। गवई देश के पहले बौद्ध और दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश बने हैं। इससे पहले न्यायमूर्ति के. जी. बालकृष्णन दलित समुदाय से पहले सीजेआई बने थे।
बता दें कि गवई ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की जगह ली है जो 65 वर्ष की आयु होने पर मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए। न्यायमूर्ति गवई को 24 मई, 2019 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। उनका कार्यकाल छह महीने से अधिक समय का होगा और वह 23 नवंबर तक पद पर रहेंगे।
शपथ ग्रहण से एक दिन पहले बार एंड बेंच को दिए इंटरव्यू में न्यायमूर्ति गवई ने कहा, “मैं हमेशा सामाजिक और आर्थिक न्याय का पक्षधर रहा हूं।” उन्होंने बताया कि न्यायपालिका में लंबित मामलों की संख्या को कम करना और निचली अदालतों के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा।
pc- aaj tak
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Nyaymurti B.R. गवई ने संभाला भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश का पदभार, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ