आज 13 मई 2025, ज्येष्ठ माह का प्रथम दिन है और आज इस माह की प्रतिपदा तिथि है। आज दिन की लंबाई 13 घंटे 32 मिनट 10 सेकंड होगी, जबकि रात की लंबाई 13 घंटे 27 मिनट 12 सेकंड होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का प्रथम भाग है और सूर्य इस समय उत्तरायण में गोचर कर रहा है। आइए जानते हैं 13 मई के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की स्थितियां क्या हैं? आज आपके लिए दिन का कौन सा समय है और राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांगतिथि: आज ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है, जो 14 मई को 12:35 AM तक रहेगी। इसके बाद ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि शुरू हो जाएगी। प्रतिपदा तिथि एक नंदा तिथि है, जिसके स्वामी अग्निदेव हैं तथा इसका स्वभाव शुभ है। यह तिथि शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है।
नक्षत्र: आज प्रातः 09:09 बजे तक विशाखा नक्षत्र व्याप्त रहेगा। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद अनुराधा नक्षत्र प्रारम्भ होगा, यह भी एक शुभ नक्षत्र है।
दिन/वार: हिंदू धर्म में मंगलवार का विशेष धार्मिक महत्व है। यह दिन विशेष रूप से बजरंग बली हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित है। इसके साथ ही मंगलवार का दिन नवग्रहों में ग्रहों के सेनापति भगवान मंगल को भी समर्पित है और इस दिन मंगल शांति के उपाय किए जाते हैं।
योग: आज प्रातः 05:53 बजे तक वरियान योग रहेगा जो कि एक शुभ योग है। इसके बाद परिघ योग शुरू हो जाएगा।
करण: बालव करण आज प्रातः 11:32 बजे तक रहेगा, तत्पश्चात कौलव करण लगेगा, जो 14 मई को प्रातः 12:35 बजे तक रहेगा। इसके पश्चात तैतिल करण लगेगा।
सूर्य-चन्द्र पारगमनआज के पंचाग के उपरोक्त पांच भागों के साथ-साथ आज सूर्य एवं चन्द्रमा के गोचर की स्थिति इस प्रकार है:
सूर्य गोचर: सूर्य मेष राशि में गोचर कर रहा है, जिसका स्वामी मंगल है।
चन्द्रमा का गोचर: चन्द्रमा वृश्चिक राशि में गोचर कर रहा है, जिसका स्वामी मंगल है।
शुभ-अशुभ काल आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:ब्रह्म मुहूर्त: 04:08 AM से 04:50 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:29 AM से 05:32 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:51 AM से 12:45 PM
विजय मुहूर्त: 02:33 PM से 03:27 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:02 PM से 07:23 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:04 PM से 08:06 PM
अमृत काल: 12:14 AM, मई 14 से 02:01 AM, मई 14
निशिता मुहूर्त: 11:56 PM से 12:38 AM, मई 14
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:राहुकाल: आज राहु काल 03:41 PM से 05:22 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 08:55 AM से 10:36 AM
दुर्मुहूर्त: 08:14 AM से 09:08 AM और 11:15 PM से 11:56 PM
गुलिक काल: 12:18 PM से 01:59 PM
वर्ज्य: 01:35 PM से 03:22 PM
13 मई 2025 के त्यौहार एवं उत्सवआज ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि और दिन मंगलवार है। हिंदू धर्म में मंगलवार का विशेष धार्मिक महत्व है। यह दिन विशेष रूप से बजरंग बली हनुमान जी की पूजा को समर्पित माना जाता है। इस दिन भक्त हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और रामचरितमानस का पाठ करते हैं। मान्यता है कि हनुमान जी की कृपा से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं, नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और जीवन में साहस और आत्मबल बढ़ता है।
इसके साथ ही मंगलवार का दिन नवग्रहों में सेनापति मंगल को भी समर्पित है। ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह ऊर्जा, पराक्रम, भूमि, साहस और मार्शल आर्ट का प्रतीक है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, वे इस दिन विशेष रूप से भगवान मंगल की पूजा और व्रत रखते हैं। मंगल के शुभ प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में शक्ति, स्थिरता और समृद्धि आती है।
बड़ा मंगल: बड़ा मंगल, जिसे बुढ़वा मंगल या जेठ मंगल भी कहा जाता है, ज्येष्ठ माह के मंगलवार को मनाया जाता है। यह दिन हनुमान जी और भगवान राम की मुलाकात के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती है तथा मनचाही एवं अभीष्ट कामनाएं पूर्ण होती हैं।
आज की यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा होने के कारण आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है, सिवाय किसी आपातकालीन स्थिति के।
पंचांग का महत्वपंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड और आकाशीय घटनाओं की प्राकृतिक लय के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए गति को प्रेरित करता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनती हैं।
पंचांग के पांच प्रमुख भागपंचांग में पांच मुख्य तत्व होते हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर किए गए कार्य में सफलता और समृद्धि की संभावना का पता लगाया जाता है। पंचांग में निम्नलिखित शामिल होते हैं:
वार: यह सप्ताह के सातों दिनों के महत्व और उनके प्रभाव को बताता है।
तिथि: यह चंद्र मास के अनुसार दिनों की गणना दर्शाती है।
नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभावों को दर्शाता है।
योग: यह विशेष खगोलीय संयोगों के महत्व को प्रकट करता है।
करण: अर्ध तिथि के कारक को करण कहते हैं, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में शुभ कार्य पंचांग के आधार पर किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्यतः हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय प्रारंभ करना, यात्रा करना तथा अन्य मांगलिक कार्य।
जीवन में पंचांग की भूमिका: पंचांग न केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम है बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता को भी मजबूत करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जाओं के साथ संतुलन स्थापित करने में मदद करता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता आती है। इसलिए पंचांग का पालन करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।
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