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जौनपुर जिला अस्पताल में किन्नरों का तांडव: डॉक्टर्स और स्टाफ पर बेरहमी से हमला, वीडियो वायरल

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उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जिसने पूरे स्वास्थ्य महकमे और आम लोगों को हिला कर रख दिया है। जिला अस्पताल, जो आम नागरिकों के इलाज के लिए एक सुरक्षित जगह मानी जाती है, अब वहां तैनात डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ तक महफूज़ नहीं हैं। शुक्रवार की रात लगभग नौ बजे एक दर्जन से अधिक अर्द्धनग्न किन्नरों ने जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में जमकर तांडव मचाया।

घटना इतनी भयावह थी कि अस्पताल में सायरन बज उठे और भगदड़ मच गई। किन्नरों ने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, जिसके वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह एमरजेंसी वार्ड के अंदर डॉक्टरों और स्टाफ को टेबलों पर चढ़-चढ़कर पीटा जा रहा है, और उनके साथ क्रूरता से पेश आया जा रहा है।

वायरल वीडियो में दिखा भयावह मंजर

वायरल हुए वीडियो में एक नर्सिंग ऑफिसर, डॉ. आशीष सिंह को टेबल पर चढ़ते हुए देखा जा सकता है, जो अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन किन्नर वहां भी नहीं रुके, उन्होंने टेबल पर रखी पानी की बोतल, लात-घूंसे और थप्पड़ों से उनकी बेरहमी से पिटाई की। डॉ. आशीष जैसे-तैसे वहां से भागने की कोशिश करते हैं लेकिन अस्पताल परिसर के बाहर ही अन्य किन्नरों द्वारा उन्हें पकड़ कर दोबारा पीटा गया।

डॉ. आशीष सिंह ने मीडिया को बताया कि उनकी ड्यूटी शाम 8 बजे से सुबह 8 बजे तक रहती है। शुक्रवार की शाम जब वे ड्यूटी पर पहुंचे, उसी वक्त एक महिला को मेडिकल जांच के लिए कुछ लोग एमरजेंसी में लेकर आए। वे लोग जबरदस्ती इमरजेंसी वार्ड में घुस गए। जब उन्हें समझाकर बाहर जाने को कहा गया तो उन्होंने फर्जी मेडिकल मुआयना करवाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। जब डॉ. आशीष ने मना किया, तो वह लोग गुस्से में वहां से चले गए।

गला दबाकर मारने की कोशिश

डॉ. आशीष के मुताबिक कुछ ही समय बाद वे लोग लगभग दर्जनभर अर्द्धनग्न किन्नरों को साथ लेकर लौटे और सीधे एमरजेंसी वार्ड में घुसकर हमला कर दिया। इस दौरान उन्होंने डॉ. आशीष का गला दबाकर जान से मारने की भी कोशिश की। उन्होंने बताया कि यह पूरी घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही और कोई तत्काल कार्रवाई नहीं की गई।

मरीज और तीमारदार भी हुए दहशत में

घटना के दौरान न केवल अस्पताल कर्मचारी भयभीत हुए, बल्कि वहां इलाज के लिए मौजूद मरीज और उनके तीमारदारों में भी भारी दहशत फैल गई। अस्पताल का वातावरण पूरी तरह डर और अफरातफरी में बदल गया। अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल का यह वीडियो लोगों में गुस्से और चिंता का विषय बन गया है।

डॉक्टरों की ओर से दी गई शिकायत

घटना के बाद जिला अस्पताल के ईएमओ डॉ. पवन कुमार ने नगर कोतवाली थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जब्त कर ली है और मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।

पुलिस कार्रवाई जारी, लेकिन सवाल बरकरार

फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थल पर पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में यह घटना कैसे हो गई? और क्यों तुरंत रोकथाम नहीं की गई?

यह घटना राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान छोड़ती है। डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ, जो मरीजों की जान बचाने के लिए दिन-रात सेवा में लगे रहते हैं, क्या वे अब खुद अपनी सुरक्षा के लिए चिंतित रहें? यदि स्वास्थ्यकर्मी ही असुरक्षित महसूस करेंगे तो आम नागरिकों को इलाज के दौरान कितनी सुरक्षा मिल पाएगी?

इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन और सरकार — सभी को झकझोर दिया है। अब देखना यह होगा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होती है या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाएगा।

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