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ऊना में फूंका खालिस्तानी पन्नू का पुतला, बाबा साहेब की बेअदबी पर एससी समाज ने जताया गुस्सा

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ऊना, 12 अप्रैल . शहर के एमसी पार्क ऊना में विभिन्न अनुसूचित जाति संगठनों सहित हिंदू व सिख धर्मों के लोगों ने शनिवार को बाबा साहेब डॉ. भीम राम अंबेडकर की खालिस्तानी समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा बेअदवी करने के विरोध में प्रदर्शन किया और पन्नू का पुतला जलाकर अपना रोष व्यक्त किया. अंबेडकर समाज सहित विभिन्न धर्मों के लोगों ने एमसी पार्क में पन्नू की कार्यप्रणाली व सोच को निंदनीय करार दिया. इसके अलावा पंजाब में बाबा साहेब की मूर्ति को खंडित करने व उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने की घोर निंदा की.

इस मौके पर मौजूद सभी लोगों ने एमसी पार्क में पन्नू मुर्दाबाद के नारे लगाकर अपने गुस्से को प्रदर्शित किया और पार्क से रोटरी चौक ऊना तक रोष रैली के दौरान खालिस्तानी समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू का पुतला जलाया और पन्नू के मुर्दाबाद के नारे लगाए.

इस अवसर पर अंबेडकर सेना ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक अमृत पाल भोंसले ने कहा कि विदेश में छुपकर गीदड़ धमकियां देने वाले खालिस्तानी समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू से डरने वाला कोई नहीं है. उन्होंने कहा कि पन्नू की इस प्रकार की गतिविधियों से देश में दो धर्मों के बीच आपसी भाईचारा खराब हो रहा है. उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि खालिस्तानी समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू को जल्द से जल्द भारत लाया जाएं और उसके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएं.

बूढ़ा दल सेवादार अच्छर सिंह ने कहा कि गुरपतवंत सिंह पन्नू को खालिस्तानी कहलाने का कोई भी हक नहीं है, क्योंकि पन्नू ने न तो खालसा जी को सजाया और न ही गुरु महाराज के विचारधारा पर चल रहा है. इसलिए उसे खालिस्थानी कहलाने का भी कोई भी हक नहीं है. उन्होंने कहा कि पन्नू इतना ही सामर्थ रखता है तो भारत आकर अपनी बात रखें और आमने-सामने बात करें. उन्होंने कहा कि विदेशों में छुपकर धमकियां देने से कुछ नहीं होगा.

श्री गुरु रविदास हेल्प फाउंडेशन जिला ऊना से राज कुमार ने कहा कि खालिस्तानी पन्नू के धमकियां से अंबेडकर समाज तस से मस भी नहीं हुआ, लेकिन उसे बताना भी जरूरी है कि अंबेडकर समाज के लोग हर परिस्थिति से टक्कर लेने की क्षमता रखते हैं. उन्होंने कहा कि पन्नू को हमारा इतिहास खोलकर देख लेना चाहिए कि हम उसकी गीदड़ धमकियों से डरने वाले हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की जयंती पहले भी मनाई जाती थी, अब भी मनाई जाएगी और भविष्य में भी हर्षाेल्लास के साथ मनाई जाएगी.

/ विकास कौंडल

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