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इनोवेशन और टेक्नोलॉजी में चमके एमडीएस के सितारे: भविष्य के लिए नया आयाम

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उदयपुर: आलोक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, फतेहपुरा में आयोजित विज्ञानोत्सव STEM 2024 ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि हमारे देश के युवा प्रतिभाओं में कितनी क्षमता और शक्ति है. अटल नवाचार मिशन (ATL), नीति आयोग, भारत सरकार के तत्वावधान में आयोजित इस महोत्सव ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के प्रति छात्रों के जुनून को प्रदर्शित करने का एक अद्भुत मंच प्रदान किया. इस आयोजन का उद्देश्य सिर्फ प्रतियोगिता नहीं था, बल्कि युवा मस्तिष्कों में जिज्ञासा और आलोचनात्मक सोच को प्रज्ज्वलित करना था, ताकि वे आने वाले समय की चुनौतियों का हल खोज सकें.

एमडीएस की छात्राओं की सफलता की कहानी

एमडीएस स्कूल की छात्राएं, किमाया सोमानी (कक्षा दसवीं) और हिमांशी श्रीमाली (कक्षा नवीं) ने अपनी अद्वितीय सोच और तकनीकी कौशल का प्रदर्शन करते हुए प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान हासिल किया. यह उपलब्धि सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे स्कूल के लिए गर्व का क्षण था. इन छात्राओं ने अपनी कम्प्यूटर साइंस शिक्षिका सुबुही मिर्जा के मार्गदर्शन में एक अनोखा क्यूआर कोड आधारित उपस्थिति प्रणाली विकसित की.

इस प्रोजेक्ट ने पारंपरिक उपस्थिति प्रणाली में आने वाली समस्याओं को हल करने का एक कुशल तरीका प्रस्तुत किया. क्यूआर कोड का उपयोग एक ऐसी प्रणाली के रूप में किया गया, जो उपस्थिति प्रक्रिया को सरल बनाता है, मानव त्रुटियों को कम करता है, और डेटा प्रबंधन को बेहतर बनाता है. यह परियोजना न केवल छात्रों की तकनीकी समझ को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे तकनीक का सही उपयोग हमारे जीवन को सरल और कुशल बना सकता है.

छोटे हाथों से बड़ी उपलब्धि

कक्षा चौथीं के विद्यार्थियों ने भी इस प्रतियोगिता में अपनी रचनात्मकता का बेहतरीन प्रदर्शन किया. कम्प्यूटर अध्यापिका आशिका शर्मा के मार्गदर्शन में प्रेक्षा औदिच्य, लिशा एच आर, मैत्री गुप्ता, दक्ष चांगवाल ने मिलकर फन गेम माइक्रोबिट कंट्रोलर पर प्रोजेक्ट बनाया. इस प्रोजेक्ट में रॉक पेपर सिज़र गेम का कोड बनाया गया, जिसे छात्रों ने खेला और उसे सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया. इस अद्भुत प्रयास के लिए इन छोटे मगर होनहार विद्यार्थियों को सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति पुरस्कार से नवाजा गया.

डॉ. शैलेन्द्र सोमानी का संदेश

एमडीएस के निर्देशक, डॉ. शैलेन्द्र सोमानी ने इस सफलता पर सभी विद्यार्थियों को बधाई दी. उन्होंने कहा, “ये बच्चे सिर्फ आज के नहीं, बल्कि भविष्य के प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ और नवाचार के वाहक हैं. उनका यह प्रयास न केवल उनके करियर के लिए एक मजबूत नींव रखता है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि कैसे विज्ञान और तकनीक का सही उपयोग समाज को बेहतर बना सकता है. ये बच्चे भविष्य में प्रौद्योगिकी, स्थिरता, और जैव प्रौद्योगिकी जैसे विषयों में महान कार्य करेंगे.”

एक नई उम्मीद, एक नया भविष्य

इस प्रतियोगिता में एमडीएस के विद्यार्थियों ने यह साबित कर दिया कि यदि मार्गदर्शन सही हो, तो युवा मस्तिष्क किसी भी चुनौती को हल करने में सक्षम हैं. विज्ञान और तकनीक के प्रति उनका समर्पण और जुनून हमें यह भरोसा दिलाता है कि हमारे देश का भविष्य उज्ज्वल है.

यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि एक नए सपने की शुरुआत है. ऐसे प्रतिभाशाली बच्चों के हाथों में हमारा भविष्य सुरक्षित है, जो न केवल नवाचार को समझते हैं, बल्कि उसे समाज की भलाई के लिए उपयोग भी करते हैं.

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