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केमिस्ट्री और कृषि क्षेत्र में विद्यार्थियों के माध्यम से शोध और उद्योग को मिलेगा बढ़ावा : योगेश दुबे

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कानपुर, 19 अप्रैल . छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के स्कूल आफ बेसिक साइंसेज के सभागार में रसायन विज्ञान विभाग और सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र कन्नौज के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय ट्रेनिंग वर्कशॉप “इंडस्ट्रियल प्रोस्पेक्ट आफ फ्रेगरेंस एंड फ्लैवर केमेस्ट्री फॉर यूथ ” का सफलतापूर्वक आयोजन विभिन्न चार सत्रों में किया गया. यह जानकारी शनिवार को विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो.सुधीर अवस्थी ने दी.

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विनय शुक्ला ने सीएसजेएम यूनिवर्सिटी तथा एफएफडीसी कन्नौज के संयुक्त तत्वाधान में रसायन विज्ञान विभाग के द्वारा प्रथम बार सत्र 2025 -2026 से संचालित एमएससी इन केमिस्ट्री स्पेशलाइज्ड इन फ्रेगरेंस एंड फ्लैवर केमिस्ट्री (दो वर्ष) मास्टर डिग्री के बारे में बताते हुए कोर्स के महत्व तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसकी उपयोगिता, विभिन्न संस्थाओं, विभिन्न कोर्सों, करियर के लिए उपस्थित विभिन्न अवसरों से प्रतिभागियों को विस्तार से अवगत कराया.

मुख्य अतिथि योगेश दुबे ने फ्रेगरेंस एंड फ्लैवर की उपयोगिताओं के बारे में, विस्तार से चर्चा किया . उन्होंने बताया कि आज के आधुनिक युग में अस्सी प्रतिशत से अधिक लोग एसेंशियल ऑयल का प्रयोग कर रहे है. आज भी उद्योग एवं अकादमी के मध्य एक बड़ा अंतराल है, जिसे पूर्ण किए बिना विकसित भारत की परिकल्पना पूर्ण नहीं की जा सकती है. साथ ही साथ उन्होंने बताया कि केमिस्ट्री और कृषि क्षेत्र में विद्यार्थियों के माध्यम से शोध और उद्योग को बढ़ावा देने से विद्यार्थियों में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. क्योंकि कृषि प्रधान देश होने के नाते स्पाइसेज तेल को बढ़ावा देना ही पड़ेगा क्योंकि इस क्षेत्र में रोजगार और उद्योग के भारी अवसर है.

विशिष्ट अतिथि नरेंद्र शर्मा कार्यशाला के तीसरे सत्र में धूपबत्ती और अगरबत्ती उद्योग के महत्व पर अपना वक्तव्य दिया. विद्यार्थियों को धूपबत्ती तथा अगरबत्ती के उद्योग एवं इंडस्ट्री स्टार्टअप एवं इनोवेशन के लिए प्रोत्साहित किया. धूपबत्ती तथा अगरबत्ती उद्योग में करियर की अपार संभावनाओं को बताते हुए युवाओं को इस क्षेत्र आगे आने के लिए उत्साहित किया .

सुगंध, सुरस विकास संस्थान के वरिष्ट वैज्ञानिक डा ज्ञानेंद्र ने टेक्निकल सत्र में युवाओं को इत्र,परफ्यूम, गुलकंद और अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. इस सत्र में सभी विद्यार्थियों ने विशेष रुचि दिखाई.

इस कार्यशाला के आयोजक रसायन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ इंद्रेश शुक्ल और डॉ धनंजय ने कार्यशाला की विस्तृत जानकारी सभी प्रतिभागियों को दिया .

कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ रश्मि दुबे, डा रत्ना शुक्ला के द्वारा किया गया . कार्यक्रम में विश्वविद्यालय परिसर और महाविद्यालय के सौ से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया .

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कार्यशाला के आयोजक डॉ इंद्रेश कुमार शुक्ला द्वारा किया गया. कार्यशाला के संयोजन में विभाग के सभी शिक्षकों डॉ धनंजय डे, डॉ. बी पी सिंह, डॉ. मिराज जाफरी तथा डॉ पुरुषोत्तम सिंह निरंजन इत्यादि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई .

/ मो0 महमूद

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