जयपुर, 23 मई . राजस्थान हाईकोर्ट ने दिवंगत पुत्र की संपत्ति में उसकी मां को भी मृतक की पत्नी और पुत्र के समान राशि प्राप्त करने का अधिकारी माना हैं. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश हेमलता शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
अदालत ने कहा कि मृतक के बेटे और पत्नी के समान मां भी एक-तिहाई हिस्सा प्राप्त करने की अधिकारी हैं. इसके साथ ही अदालत ने पूर्व में प्राप्त की गई राशि में से अप्रार्थीगण पुत्रवधू वंदना त्रिपाठी व पौत्र चर्चित को याचिकाकर्ता की हिस्सा राशि लौटाने के आदेश दिए हैं. याचिका में अधिवक्ता संपत्ति शर्मा ने बताया कि सेशन कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से साल 2021 में पेश प्रार्थना पत्र को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए बिना नॉमिनी घोषित संपत्तियों में ही मां को समान राशि प्राप्त करने का हकदार माना था. इस आदेश को हेमलता शर्मा ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि उसके बेटे आनंद दाधीच की 1.07 करोड़ की राशि में से उसका एक-तिहाई हिस्सा 35,92,412 रुपये दिलाए जाने के आदेश दिए जाए. याचिका में कहा गया कि भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के अंतर्गत बेटे की संपत्ति में मां का भी समान हक एवं अधिकार हैं. इसके अलावा नॉमिनेशन एक कानूनी व्यवस्था है, जो किसी व्यक्ति को मालिक की मृत्यु के बाद कानूनी उत्तराधिकारियों के लिए संपत्ति का प्रबंधन करने और उसे ट्रस्ट में रखने के लिए नामित करती है. संपत्ति का स्वामित्व नॉमिनेशन के ज़रिए नॉमिनी व्यक्ति को हस्तांतरित नहीं किया होता है.
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