नई दिल्ली, 30 अप्रैल . देशभर के रेलवे स्टेशनों पर ट्राली-स्टाल लगाकर जीवनयापन करने वाले हजारों लाइसेंसी वेंडरों ने बुधवार को सरकार से 2012 में तय किये गए रेट (कीमत) में इजाफा किये जाने की मांग की. साथ ही इन लोगों ने सरकार से तब तक लाइसेंसी फीस में बढ़ोतरी किये जाने पर रोक लगाये जाने की मांग कि जब तक 13 वर्ष पुराने रेट लिस्ट में बढ़ोतरी नहीं की जाती है.
इन लोगों का कहना है कि रेलवे ने 2012 में जहां वार्षिक लाइसेंस फीस 10-15 हजार के बीच वसूलती थी उसे अब बढ़ाकर डेढ़ लाख कर दिया गया है, जबकि चाय (पांच रुपये), समोसा (सात रुपये) और 80 ग्राम पकौड़ का 12 रुपये है. जबकि इस दौरान महंगाई आसमान छू रही है और रेलवे हम ट्राली-स्टाल वालों से 13 साल पुराने रेट पर ही सामान बेचने को कह रही है.
देश भर के विभिन्न स्टेशनों पर ट्राली-स्टाल लगाने वाले यह लोग आज यहां खंडेलवाल भवन में अखिल भारतीय रेलवे खान-पान लाइसेंन्सीज वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से आयोजित आम सभा मे अपनी बात रखी. इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवीन्द्र गुप्ता, महासचिव एमए लारी, कोषाध्यक्ष प्रवीन शर्मा, रमेश गुलाटी, चंद्रशेखर समेत बड़ी संख्या में लाइसेंसी ट्राली-स्टाल संचालक उपस्थिति थे.
इस मौके पर रवीन्द्र गुप्ता ने कहा कि सरकार द्वारा 13 साल पुराने रेट लिस्ट में बढ़ोतरी नहीं किये जाने से रेलवे को हर वर्ष करोड़ो रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. वहीं दूसरी ओर इतने कम कीमत पर कारोबार करने वाले ट्राली-स्टाल वालों का अब गुजारा होना मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि इस दौरान आईआरसीटीसी के सामानों की कीमतों में चार से पांच बार बढ़ोतरी हो चुकी है, लेकिन रेलवे ने अपने ट्राली-स्टाल संचालकों के रेट में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है. उन्होंने कहा कि रेलवे कि हम लोगों को उजाड़ने का खेल खेल रही है. इसके खिलाफ हम सभी को मिलकर लड़ना होगा. उन्होंने कहा कि रेलवे हमसे कहती है कि एग्रीमेंट में गलतियां है तो एग्रीमेंट तो रेलवे ही बनाती है और हम लोगों से सिर्फ साइन करवा लिया जाता है. हमे पढ़ने तक नहीं दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि हम कोई कदम उठाते हैं तो रेलवे ऐसे ऐसे पेंच लगा देता है कि हमारे कदम 10 कदम पीछे हो जाते है. रेलवे की कोशिश है कि वह हमें किसी भी तरह से परेशान करे ताकि हम अपनी लड़ाई न लड़ सके, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. हमें जरूरत पड़ी तो हम सड़कों पर उतरने को भी तैयार है. इसके साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से आये ट्राली-स्टाल संचालकों ने अपनी-अपनी परेशानियों को साझा किया.
—————
/ सुशील कुमार
You may also like
अजमेर में खेलते-खेलते संदूक में घुसे दो मासूम भाइयों की दम घुटने से मौत
आधार ई-केवाईसी के साथ तुरंत खोलें पोस्ट ऑफिस बचत योजनाएं, बिना कागजी कार्रवाई के सुरक्षित निवेश
E-Shram Card: Apply Online from Home and Receive ₹3,000 Monthly Pension After 60
भारत में पशु वध: मांस, तेल और अन्य उत्पादों का व्यापार
प्रधानमंत्री मोदी का केरल दौरा, 8,900 करोड़ रुपये के विझिंजम इंटरनेशनल डीपवाटर पोर्ट का उद्घाटन