नई दिल्ली, 18 अप्रैल . यूनेस्को ने शुक्रवार को अपने विश्व स्मृति रजिस्टर में श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को शामिल कर लिया है. इसके साथ अब यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में
देश के 14 अभिलेख इसमें शामिल हो गए हैं.
उल्लेखनीय है कि यूनेस्को ने शुक्रवार कोअपने विश्व स्मृति रजिस्टर में 74 नए दस्तावेजी विरासत संग्रह जोड़े, जिससे कुल अंकित संग्रहों की संख्या 570 हो गई. 72 देशों और 4 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की प्रविष्टियों में वैज्ञानिक क्रांति, इतिहास में महिलाओं का योगदान और बहुपक्षवाद के प्रमुख मील के पत्थर जैसे विषय शामिल हैं. इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे भारत की सभ्यतागत विरासत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया.
उन्होंने एक्स पर जानकारी दी कि श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को अब यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में अंकित किया गया है. यह वैश्विक सम्मान भारत के शाश्वत ज्ञान और कलात्मक प्रतिभा को उजागर करता है. उन्होंने कहा कि ये कालातीत रचनायें साहित्यिक खजाने से कहीं अधिक हैं . वे दार्शनिक और सौंदर्यवादी आधार हैं, जिन्होंने भारत के विश्व दृष्टिकोण और हमारे सोचने, महसूस करने, जीने और अभिव्यक्त करने के तरीके को आकार दिया है. इसके साथ ही अब हमारे देश के 14 अभिलेख इस अंतर्राष्ट्रीय रजिस्टर में शामिल हो गए हैं.
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/ विजयालक्ष्मी
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